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Tuesday, December 2, 2025

वास्तु शास्त्र : भूखंड -

वास्तु शास्त्र : भूखंड -   

सुख - सम्पत्ति तो कुछ भूखण्ड देते हैं कुछ लाते हैं जीवन में विपत्ति :

भूखंड के आकार का शुभाशुभ प्रभाव व्यक्ति के जीवन, धन, सुख - सुविधा और मानसिक स्थिति को गहराई से प्रभावित करता है, कुछ आकार समृद्धि देते हैं, जबकि कुछ निरंतर कष्ट, विवाद और हानि का कारण बनते हैं। 

आइए जानें कौन - सा भूखंड देता है सुख - संपत्ति और कौन - सा भूखण्ड ला सकता है जीवन में संकट।

अगर मकान वास्तु शास्त्र के अनुसार शुभ भूमि पर बना हो तो खराब ग्रह दशा होने पर भी अनिष्ट ग्रहों का प्रभाव उतना नहीं पड़ता, जितना कि वास्तु विपरीत भूमि पर निर्माण करने पर व्यक्ति को कष्ट सहना पड़ता है।





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वर्गाकार भूखंड - :

वर्गाकार भूखंड - जिस भूमि की लंबाई चौड़ाई समान हों, अंदर के चारों कोण 90 डिग्री के हो, इसे वर्गाकार भूमि कहते हैं, जो कि शुभ। 

अगर चारों दिशाओं और कोणों का ध्यान रखकर वास्तु सम्मत भवन बनाया जाए तो उसमें निवास करने वालों के जीवन में सुख - समृद्धि रहती है।

आयताकार भूखंड - :

आयताकार भूखंड - जिस भूखंड की लंबाई अधिक, चौड़ाई कम हो, आमने - सामने की सीमाएं बराबर हो तथा चारों कोनों में समकोण 90 डिग्री बनाता हो, उसे आयताकार भूमि कहते हैं। 

वास्तु शास्त्र की दृष्टि से यह भूखंड श्रेष्ठ कहलाता है, इस पर भवन निर्माण करना धन, यश और सफलता का प्रतीक बनता है।

वृत्ताकार यानि गोलाकार भूखंड - :

वृत्ताकार यानि गोलाकार भूखंड- गोल अर्थात् वृत के आकार की भूमि बहुत ही दुर्लभ होती है, अनेक लोग अपने बहुकोणीय भूखंड को गोलाई की परिधि में ले आते हैं। 

ऐसी भूमि पर मकान बनाकर रहने से धन का प्रचुर लाभ होता है, आमदनी के कई स्रोत खुलते हैं। 

घर में नाना प्रकार के सुख - साधन तथा सजावट की वस्तुएं रहती है।

त्रिकोणाकार भूखण्ड - : 

त्रिकोणाकार भूखण्ड- त्रिकोणाकार भूमि बहुत कम देखने में आती हैं, जिस भूमि में तीन कोने एक त्रिकोण की आकृति लेते हों, उसे त्रिभुजाकार या त्रिकोणाकार भूमि कहते हैं। 

इस प्रकार की भूमि कष्ट, दुःख, क्लेश एवं कलहकारक मानी जाती है, इसमें रहने वाले को दैवी आपदा झेलनी पड़ती है, इसलिए इस तरह की भूमि में प्रायः मंदिर आदि का निर्माण ही फलप्रद रहता है। 

इस भूमि पर निवास करने पर कानूनी अड़चनें मुकदमा, राजभय तथा कारागार आदि का भय रहता है। 

अगर वास्तु नियमों के अनुसार इसकी काट-छांठ की जाए तो बहुत सी भूमि बेकार चली जाती है, इसमें किसी प्रकार का परिवर्तन करना आसान नहीं होता। 

जहां तक हो इसे मकान बनाने के लिए उपयोग में कदापि नहीं लाना चाहिए।

इस प्रकार चक्राकार भूखण्ड, शकटाकार भूखण्ड, पंखाकार भूखण्ड, तबलाकार भूखण्ड, शूर्पाकार भूखण्ड जैसे कई प्रकार के भूखण्ड लम्बाई - चौड़ाई के भेद से देखने को मिलते हैं।





पहले घर से बाहर करें ये चीजें, ताकि परिवार में बनी रहे खुशहाली :

वास्तु शास्त्र में कुछ चीजों को घर में रखना बिल्कुल भी शुभ नहीं माना गया। 

इस से पॉजिटिव एनर्जी के फ्लो में रुकावट पैदा हो सकती है और नेगेटिविटी बढ़ती है। 

ऐसे में जितना जल्दी हो सके, इन चीजों को घर से बाहर कर देना चाहिए। 

चलिए जानते हैं इस बारे में।

खुशहाली के लिए नए साल से पहले घर में करें ये बदलाव

पुरानी व बेकार चीजें बढ़ा सकती हैं नकारात्मकता।

घर से बाहर कर देनी चाहिए इस तरह की चीजें।

ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि आने वाले साल में घर - परिवार में खुशहाली का माहौल बना रहे, तो इस के लिए आप कुछ वास्तु टिप्स ( Vastu Tips ) अपना सकते हैं। 

आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आपको नए साल से पहले किन चीजों को अपने घर से बाहर कर देना चाहिए।

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घर से हटाएं ये चीजें :

पहले आप अपने घर में पड़ी पुरानी व बेकार चीजों जैसे फर्नीचर या जंग लगे लोहे के सामान आदि को हटा सकते हैं। 

ये चीजें नकारात्मकता को बढ़ा सकती हैं, जिसका प्रभाव आपके दैनिक जीवन पर भी पड़ता है। 

साथ ही वास्तु शास्त्र में माना गया है कि घर में कभी भी बेकार पड़े जूतों और बंद घड़ी को नहीं रखना चाहिए, क्योंकि ये चीजें दुर्भाग्य को बढ़ावा देती हैं।

मिल सकते हैं नकारात्मक परिणाम :

वास्तु शास्त्र में रसोई को लेकर भी कुछ नियम बताए गए हैं जिसके अनुसार, किचन में आपको टूटे - फूटे या चटके हुए बर्तन रखने से बचना चाहिए। 

ऐसा करने से घर में दरिद्रता का वास बढ़ने लगता है। 

ऐसे में नए साल से पहले इस बर्तनों को घर से बाहर जरूर कर दें।

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पड़ता है बुरा प्रभाव :

वास्तु शास्त्र में माना गया है कि घर में खराब हो चुके उपकरण या फिर बेकार पड़े सामान जैसे फ्रिज, वाशिंग मशीन आदि को रखने से भी नकारात्मक ऊर्जा पैदा होने लगती है। 

जिसके चलते आपको कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। 

ऐसे में या तो इन उपकरणों को ठीक करवा लेना चाहिए या फिर घर से बाहर कर देना चाहिए।

!!!!! शुभमस्तु !!!

🙏हर हर महादेव हर...!!

जय माँ अंबे ...!!!🙏🙏

पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर: -
श्री सरस्वति ज्योतिष कार्यालय
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:- 
-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science) 
" Opp. Shri Satvara vidhyarthi bhuvn,
" Shri Aalbai Niwas "
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नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश....
जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏

वास्तु शास्त्र : भूखंड -

वास्तु शास्त्र : भूखंड -    सुख - सम्पत्ति तो कुछ भूखण्ड देते हैं कुछ लाते हैं जीवन में विपत्ति : भूखंड के आकार का शुभाशुभ प्रभाव व्यक्ति के...