बुधवार, 29 जनवरी 2025
वास्तु शास्त्र के अनुसार आर्थिक नुकशानी :
शुक्रवार, 17 जनवरी 2025
वास्तु शास्त्र के अनुसार मनी प्लांट / वास्तु विज्ञान के अनुसार बालकनी
सभी ज्योतिष मित्रो को मेरा निवेदन है..., आप मेरा दिया हुवा लेखो की कोपी ना करे..., मे किसी के लेखो की कोपी नहि करता..., किसी ने किसी का लेखो की कोपी किया हो तो वाही विद्या आगे बठाने की नही है..., कोपी करने से आप को ज्ञ्नान नही मिल्ता भाई..., और आगे भी नही बढ़ता..., आप आपके महेनत से त्यार होने से बहुत आगे बठा जाता है...,
धन्यवाद......, जय द्वारकाधीश...,
वास्तु शास्त्र के अनुसार मनी प्लांट / वास्तु विज्ञान के अनुसार बालकनी
मनी प्लांट को चुराकर लगाने से क्या सच में होती है धन प्राप्ति?
मन में आया है कभी सवाल, तो वास्तु शास्त्र के अनुसार जान लें सही जवाब...!
वास्तु शास्त्र के अनुसार मनी प्लांट को घर पर लगाने से जीवन में सुख - समृद्धि का वास होता है क्योंकि मनी प्लांट को एक सकारात्मक ऊर्जा वाला पौधा माना जाता है।
वहीं, मनी प्लांट को धन प्राप्ति वाला पौधा भी माना जाता है।
कई बार मन में सवाल आता है कि क्या मनी प्लांट को चुराकर ही लगाना चाहिए या फिर इसे खरीदकर भी लगाया जा सकता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार मनी प्लांट को चुराकर नहीं लगाना चाहिए। आइए, विस्तार से जानते हैं इसका कारण।
आपने यह बात कई लोगों से सुनी होगी कि मनी प्लांट चुराकर लगाना शुभ होता है और इससे धन लाभ होता है।
इसी बात को मानते हुए ज्यादातर लोग उन घरों से मनी प्लांट चुराना पसंद करते हैं, जहां धन-धान्य की कमी नहीं होती।
इन सुनी - सुनाई बातों से अलग कभी-कभी मन में सवाल आता है कि क्या वाकई मनी प्लांट चुराकर लगाने से धन प्राप्ति का योग बनता है?
आइए, जानते हैं वास्तु शास्त्र के अनुसार इस सवाल का जवाब।
वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ पौधे ऐसे होते हैं, जिन्हें घर में लगाने से सुख और समृद्धि का वास होता है।
इन पौधों की ऊर्जा घर में सकारात्मक ऊर्जा को संचालित और आर्कषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
घर में पॉजिटिव वाइब्स लाने वाले इन पौधों में मनी प्लांट का नाम भी शामिल है।
मनी प्लांट एक ऊर्जा से भरा होता है।
मनी प्लांट को घर में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
साथ ही सुख-समृद्धि को बढ़ाने में भी इस पौधे को महत्वपूर्ण समझा जाता है।
मनी प्लांट को चुराकर ही लगाना चाहिए?
मनी प्लांट को घर में लगाना कई तरह से शुभ माना जाता है लेकिन जब बात आती है, मनी प्लांट को घर में चुराकर लगाने की, तो आपको इससे बचना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार मनी प्लांट को चुराकर लगाने से हम इसकी ऊर्जा को नकारात्मक ऊर्जा में बदल देते हैं, क्योंकि किसी भी तरह की चोरी को सही नहीं कहा जा सकता।
बुरे काम की ऊर्जा हमेशा नकारात्मक ही होती है इस लिए वास्तु शास्त्र के अनुसार मनी प्लांट को चोरी करके नहीं लगाना चाहिए।
मनी प्लांट को पैसों से खरीदकर ही लगाएं :
वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर घर में लगे मनी प्लांट की बेल जमीन को छूने लगे, तो उसे तुरंत ऊपर कर दें।
मनी प्लांट का संबंध माता लक्ष्मी से माना जाता है इस लिए जमीन छूने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
जमीन को छूता मनी प्लांट शुभ नहीं माना जाता है इस लिए अगर आपके घर में मनी प्लांट बहुत ज्यादा बड़ा होकर जमीन पर लटकने लगा है, तो उसे किसी रस्सी की मदद से दीवार पर ऊपर की ओर सपोर्ट दे दें।
इससे मनी प्लांट की बेल ऊपर दीवार पर चढ़ जाएगी।
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वास्तु विज्ञान के अनुसार बालकनी :
वास्तु विज्ञान के अनुसार बालकनी होगी ऐसी तो घर में खूब बना रहेगा पैसा, होती रहेगी तरक्की :
बालकनी की आपके घर के वास्तु में बहुत ही अहम भूमिका होती है।
बालकनी का संबंध आपके घर की खुशहाली से भी होता है।
बालकनी से सकारात्मक ऊर्जा आपके घर में प्रवेश करती है, इस लिए बालकनी का साफ - सुथरा और सुव्यवस्थित होना वास्तु शास्त्र में बहुत ही जरूरी माना गया है।
आज हम आपको बता रहे हैं बालकनी से जुड़े वास्तु के नियम, ताकि आपके घर की खुशहाली बनी रहे और आपके घर में बिना किसी बाधा के सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो सके।
आइए देखते हैं क्या हैं ये खास नियम।
वास्तु शास्त्र में बालकनी का आपके घर में बहुत खास स्थान होता है।
आपके घर की खुशहाली और सुख समृद्धि के लिए बालकनी का स्वच्छ और सुंदर होना बेहद जरूरी माना गया है।
अक्सर देखने में आता है कि कुछ घरों में फालतू सामान या फिर प्रयोग में न आने वाला सामान लोग अक्सर बालकनी में फेंक देते हैं।
ऐसा करना वास्तु के अनुसार बहुत ही दोषपूर्ण माना जाता है।
यदि आपकी बालकनी में भी फालतू सामान और कबाड़ा भरा है तो उसे घर के बाहर निकालकर फेंक दें।
बालकनी को व्यवस्थित और सुंदर बनाने के लिए आज हम आपको बता रहे हैं वास्तु के कुछ खास टिप्स, देखें क्या हैं ये आसान से टिप्स।
बालकनी के लिए सबसे अच्छी दिशाएं पूर्व, उत्तर या उत्तर - पूर्व हैं।
इन दिशाओं में सुबह और दोपहर की धूप आती है, जो हमारे लिए फायदेमंद होती है और सकारात्मक ऊर्जा लाती है।
दक्षिण या पश्चिम दिशा में बालकनी होना अच्छा नहीं माना जाता है।
अगर आपके घर में ऐसा है तो उस बालकनी के विपरीत दिशा में भी उतनी ही बड़ी बालकनी होनी चाहिए।
बालकनी की दिशा :
बालकनी के लिए सबसे अच्छी दिशाएं पूर्व, उत्तर या उत्तर - पूर्व हैं।
इन दिशाओं में सुबह और दोपहर की धूप आती है, जो हमारे लिए फायदेमंद होती है और सकारात्मक ऊर्जा लाती है।
दक्षिण या पश्चिम दिशा में बालकनी होना अच्छा नहीं माना जाता है।
अगर आपके घर में ऐसा है तो उस बालकनी के विपरीत दिशा में भी उतनी ही बड़ी बालकनी होनी चाहिए।
बालकनी में रंगों का प्रयोग :
हल्के रंग जैसे गुलाबी, नीला, बेज और सफ़ेद बालकनी के लिए उपयुक्त हैं।
सफेद रंग प्रकाश को दर्शाता है और सकारात्मक ऊर्जा का स्वागत करता है।
हल्के हरे रंग का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
गहरे रंगों से बचना चाहिए।
बालकनी में वास्तु के अनुसार फर्नीचर :
बालकनी में झूला :
बालकनी में उत्तर या दक्षिण दिशा की ओर झूला लगाना शुभ माना जाता है।
इससे आप आराम से समय बिता सकते हैं।
एक सुंदर और आरामदायक झूला बालकनी की शोभा बढ़ा सकता है।
बालकनी में झूला लगाने का ट्रेंड आजकल काफी जोरों पर है, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि यह झूला एकदम साफ-सुथरा होना चाहिए और आवाज नहीं करना चाहिए।
बालकनी में वास्तु के अनुसार पेड़ - पौधे :
वास्तु शास्त्र के अनुसार, पौधे किसी भी जगह की ऊर्जा को बढ़ाते हैं।
बालकनी में दक्षिण और पश्चिम दिशा में पौधे लगाने चाहिए।
यहां पौधों को पर्याप्त धूप मिलेगी और वे घर में रोशनी आने से नहीं रोकेंगे।
पश्चिम और दक्षिण की दीवारों पर वर्टिकल गार्डन बनाया जा सकता है।
बहुत ऊंचे पौधों और लताओं से बचना चाहिए।
रंग-बिरंगे फूलों वाले गमले सभी प्रकार की बालकनियों के लिए उपयुक्त होते हैं।
बालकनी में लाइट्स का प्रयोग:
वास्तु के अनुसार, अंधेरी बालकनी में नहीं बैठना चाहिए।
इसे अशुभ माना जाता है और इससे दुर्भाग्य आ सकता है।
बालकनी में हल्की रोशनी का इस्तेमाल करें।
यह शांत और सकारात्मक माहौल बनाता है।
रात के समय हल्की रोशनी का इस्तेमाल करना चाहिए।
हल्की रोशनी बाली बालकनी में बैठने से आपका मन शांत और सकारात्मक रहता है।
अथ श्रीदुर्गासप्तशती
ऋग्वेदोक्तं देवीसूक्तम् (पोस्ट ०६)
अहमेव स्वयमिदं वदामि जुष्टं
देवेभिरुत मानुषेभिः ।
यं कामये तं तमुग्रं कृणोमि
तं ब्रह्माणं तमृषिं तं सुमेधाम् ॥ ५॥
मैं स्वयं ही देवताओं और मनुष्यों द्वारा सेवित इस दुर्लभ तत्त्व का वर्णन करती हूँ ।
मैं जिस जिस पुरुष की रक्षा करना चाहती हूँ,उस - उस को सब की अपेक्षा अधिक शक्तिशाली बना देती हूँ ।
उसी को सृष्टिकर्ता ब्रह्मा,परोक्षज्ञान - सम्पन्न ऋषि तथा उत्तम मेधाशक्ति से युक्त बनाती हूँ ॥५॥आपका अपना पंडित प्रभुलाल पी. वोरिया, क्षत्रिय राजपूत जडेजा कुल गुरु का " जय द्वारकाधीश"
ऐसा ही सोते है भाग्यशाली और चांदी के उपाई :
ऐसा ही सोते है भाग्यशाली और चांदी के उपाई ऐसा ही सोते है भाग्यशाली और चांदी के उपाई अगर आप ऐसे सोते हैं तो होंगे भाग्यशाली-----क ्यों है द...

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