https://www.profitablecpmrate.com/gtfhp9z6u?key=af9a967ab51882fa8e8eec44994969ec Vastu Astro / Astrologer Pandarama: 2021

शनिवार, 23 जनवरी 2021

।। श्री सामवेद में वास्तु शास्त्र के अनुसार धर में आईना कहा....! ।।

सभी ज्योतिष मित्रों को मेरा निवेदन हे आप मेरा दिया हुवा लेखो की कोपी ना करे में किसी के लेखो की कोपी नहीं करता,  किसी ने किसी का लेखो की कोपी किया हो तो वाही विद्या आगे बठाने की नही हे कोपी करने से आप को ज्ञ्नान नही मिल्त्ता भाई और आगे भी नही बढ़ता , आप आपके महेनत से तयार होने से बहुत आगे बठा जाता हे धन्यवाद ........
जय द्वारकाधीश

।। श्री सामवेद में वास्तु शास्त्र के अनुसार धर में आईना कहा रखना चाहिए और पूजाधर मतलब पूजा रूम कैसा और किस तरह से अच्छा फल देता है ।।

हमारा हिन्दू सनातन धर्म के ही चार वेंदो  पुराण अठार के अंदर मानव जीवन के जीने के लिए कुछ न कुछ एक से बठकर एक खजाना म भंडार ही भरा पड़ा है ।

पहले हम आईना के बारे में वास्तु विज्ञान से हर किसी के जीवन में विशेष महत्व रखता हैं ।

वही वास्तु में दर्पण यानी शीशा काफी खास माना गया हैं ।


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अगर इस सही दिशा में रखा जाए तो यह सकारात्मकता लेकर आता हैं ।

मगर गलत दिशा में रखा जाए तो सकारात्मकता को नकारात्मकता में बदल देता हैं ।

घर में कलह क्लेश, बीमारी और धन की बर्बादी भी लेकर आता हैं ।

अगर आप वास्तु में विश्वास रखते हैं ।

तो दर्पण के आकार, साइज और दिशा का खास ध्यान रखना जरूरी हैं ।

तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं ।

वास्तु अनुसार दर्पण से जुड़े नियम, तो आइए जानते हैं।

हमने हमारा पुरखो के मुँह से भी सुना है कि जो के ऐसा माना जाता है कि कांच जब टूटता है ।

तो वह घर में मौजूद नकारात्मकता को बढ़ाता हैं। 

जो अगर घर में ही रह जाए तो साल साल तक दुर्भाग्य बना रहता हैं ।

इस लिए कांच टूटे तो उसे घर पर नहीं रखना चाहिए।

दरार पड़ा कांच या आईना भी घर पर नहीं रखना चाहिए ।

क्योंकि इससे घर के सदस्यों के बीच लड़ाई होती हैं ।

रोमन सभ्यता में भी कांच टूटना अशुभ माना जाता हैं ।

आईने की सही दिशा :

उत्तर दिशा , पूर्व दिशा अथवा पूर्व उत्तर दिशा है ।

और बाथरुम में भी इसी दिशा में ही आईना रखें। 

आपका वॉश बेसिन पर लगा शीशा भी इसी दिशा में होना चाहिए। 

घर के मुख्य द्वार पर आईना लगाने से बचना चाहिए। 

ऐसा करने से नकारात्मकता का घर में प्रवेश होता हैं। 

कभी शीशे एक दूसरे के सामने ना लगाएं और ना ही सीढ़ियों के पास लगाएं।

आइ्रने का आकार भी बहुत माइने रखता हैं ।

गोल शीशा घर में ना रखें। 

वर्गाकार और आयताकार शीशे को घर में लगाना शुभ माना जाता हैं। 

नुकीले या तेजधार वाले आईने का भी प्रयोग घर में नहीं करना चाहिए। 

ऐसा करने से कर्ज बढ़ जाता हैं।


पूजन धर :

हर किसी न किसी के धर पर पूजाघर बनवाते ही है ।

लेकिन उसी समय पर तो भूलकर भी नहीं करे ये बड़ी गलतिया जो जीवन की नींव को सही के बदले उल्टा सस्ता पर जाने को मजबूर बन जाना पड़े।

आज के समय मे हर व्यक्ति अपने घर में एक छोटा मंदिर अवश्य बनता ही है ।

लेकिन घर में पूजाघर बनाते समय कुछ खास बातो का जरूर ध्यान रखना चाहिए।

उसमे अगर आप इस स्थान को लेकर थोडासा किसी न किसी कारण कोई लापरवाही बरतते है ।

तो आपको कई बड़े नुकसान भी हो सकते है ।

तो चलिए जानते है ।

वो कौनसी सी है खास बाते।

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मंदिर में कभी भी गहरे रंगो का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए ।

हमेशा पूजा घर में पीला, हरा, यह हल्का गुलाबी रंग करवाना चाहिए।

वास्तु शास्त्र के अनुसार संगमरमर का मंदिर बनाना बेहद शुभ होता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार कभी भी पूजा घर में पूर्वजो की तस्वीरें नहीं रखनी चाहिए।


         !!!!! शुभमस्तु !!!



🙏हर हर महादेव हर...!!
जय माँ अंबे ...!!!🙏🙏

पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर:-
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:- 
-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science) 
" Opp. Shri Satvara vidhyarthi bhuvn,
" Shri Aalbai Niwas "
Shri Maha Prabhuji bethak Road,
JAM KHAMBHALIYA - 361305
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आप इसी नंबर पर संपर्क/सन्देश करें...धन्यवाद.. 
नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश....
जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏

गुरुवार, 21 जनवरी 2021

। धर के अंदर जो कलेस ही रहता है , पूर्व दिशा में लगाना चाहिए सूर्य की प्रतिमा, श्रीयंत्र और स्टडी टेबल पर रखना चाहिए पिरामिड , घर में लाना चाहते हैं बरकत।।

सभी ज्योतिष मित्रों को मेरा निवेदन हे आप मेरा दिया हुवा लेखो की कोपी ना करे में किसी के लेखो की कोपी नहीं करता,  किसी ने किसी का लेखो की कोपी किया हो तो वाही विद्या आगे बठाने की नही हे कोपी करने से आप को ज्ञ्नान नही मिल्त्ता भाई और आगे भी नही बढ़ता , आप आपके महेनत से तयार होने से बहुत आगे बठा जाता हे धन्यवाद ........
जय द्वारकाधीश

। धर के अंदर जो कलेस ही रहता है तो वास्तु शास्त्र के अनुसार इस उपाय करें ।।


 घर में हमेशा बना रहता है क्लेश, तो यहां पढ़ें खुशहाली लाने के सरल उपाय ।

वास्तुशास्त्र हर किसी के जीवन में विशेष महत्व रखती हैं। 

हर कोई चाहता है कि एक खुशहाल परिवार की तरह उनके घर में भी खुशियां बनी हों। 

उनके घर का हर सदस्य बीमारी से दूर रहे और हस्ता खेलता रहे। 

मगर कई बार ऐसा नहीं होता हैं ।

आपके पास सब कुछ होते हुए भी घर में सुख शांति की कमी होती हैं ।

तो आज हम आपको वास्तु शास्त्र से जुड़े ऐसे टिप्स बताने जा रहे हैं ।

जिन्हें अपनाकर आप अपने घर की सुख शांति वापस ला सकते हैं तो आइए जानते हैं।

घर में टॉयलेट सीट ऐसे लगवाएं कि आपका मुह उत्तर या फिर दक्षिण दिशा की ओर हो।

इस के पूर्व दिशा में होने से घर में परेशानी बनी रहती हैं। 




घर में खुशहाली और परिवार की उन्नति के लिए घर के मुख्य द्वार पर अशोक का पेड़ लगाएं। 

घर में खुशहाली के लिए याद रखें कि घर बनवाते समय घर के द्वार और खिड़कियां पूर्व या फिर उत्तर में ही बनवाएं।

साथ ही ध्यान रहे की आपके घर की खिड़की दरवाजे कभी आवाज ना करें। 

ये अशुभ मानते जाते हैं। 

लोग अकसर अपने पूर्वजों की तस्वीर को पूजा के स्थान पर देवी देवताओं के साथ रख देते हैं ये नहीं करना चाहिए। 

पूर्वजों की तस्वीर हमेशा दक्षिण दिशा की तरफ दीवार पर लगाएं।

घर के उत्तर या पूर्व दिशा में तुलसी का पौधा लगाएं। 

इससे घर में सुख शांति होती हैं और क्लेश दूर हो जाता हैं ।

अगर आपके बेडरूम में बेड के सामने आईना हैं तो इसे हटा दे। 

इससे पति पत्नी के बीच क्लेश बना रहता हैं।

।। वास्तु टिप्स:घर की पूर्व दिशा में लगाना चाहिए सूर्य की प्रतिमा, घर के मंदिर में रखना चाहिए श्रीयंत्र और स्टडी टेबल पर रखना चाहिए पिरामिड ।।


जिन घरों में वास्तु दोष होते हैं, वहां रहने वाले लोगों को नकारात्मकता का सामना करना पड़ता है। 

वास्तु दोषों से बचने के लिए घर में शुभ चीजें रखनी चाहिए। 

साफ - सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। 

जाम खंभालिया से ज्योतिषाचार्य वास्तु विशेषज्ञ  प्रभु राज्यगुरु के अनुसार घर में सकारात्मकता रहती है तो इसका शुभ असर हमारी मानसिकता पर होता है। 

विचारों में भी सकारात्मकता बनी रहती है। जानिए वास्तु की कुछ खास टिप्स, जिनसे घर के वास्तु दोष दूर किए जा सकते हैं...

अगर घर में वास्तु दोष होते हैं तो विचारों में नकारात्मकता बनी रहती है, इनसे बचने के लिए घर में शुभ चीजें रखनी चाहिए

घर में अग्नि से संबंधित चीजें, जैसे गैस, दीपक, पूजा में प्रयोग होने वाली चीजों को घर के आग्नेय कोण यानी दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना चाहिए।

घर में तुलसी का पौधा घर की छत पर या उत्तर - पूर्व दिशा में लगाना चाहिए।

घर में भगवान श्रीगणेश की मूर्ति या तस्वीर रखनी चाहिए। 

घर की उत्तर - पूर्व दिशा में सिंदूरी गणेश की तस्वीर लगाना या मूर्ति रखना श्रेष्ठ रहता है।

घर के हॉल में पहाड़ या उड़ते हुए पक्षियों की तस्‍वीर लगानी चाहिए। 

हॉल में श्रीकृष्‍ण की बाल लीलाओं वाली तस्वीर भी लगा सकते हैं।

रोज सुबह सूर्यदेव के दर्शन करने की परंपरा है। 

अगर सूर्य की मूर्ति रखना चाहते हैं तो सात घोड़े के रथ पर सवार सूर्यदेव की तस्वीर या प्रतिमा रखनी चाहिए। 

ये फोटो या मूर्ति पूर्व दिशा में लगाएं। 

घर से निकलने से पहले सूर्यदेव के दर्शन करना चाहिए।

अगर बच्चों का मन पढ़ाई में नहीं लगता है तो स्टडी टेबल पर छोटा सा पिरामिड रखना चाहिए।

घर के मंदिर में श्रीयंत्र भी रखना चाहिए। 

श्रीयंत्र को लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। 

अन्य देवी - देवताओं के साथ ही श्रीयंत्र की भी पूजा करनी चाहिए।

रोज सुबह - शाम के घर के मंदिर में दीपक जरूर जलाना चाहिए। 

इससे सकारात्मकता बनी रहती है। 

गाय को रोटी रोज देनी चाहिए।

वास्तु के अनुसार घर में मनी प्लांट भी लगाना चाहिए। 

मनी प्लांट के पत्ते पीले पड़ जाए या खराब हो जाए तो उन्हें हटा देना चाहिए। 

मनी प्लांट को जमीन पर नहीं फैलाना चाहिए।

मुख्य द्वार पर बाहर की ओर गणेशजी की छोटी सी मूर्ति या फोटो लगानी चाहिए। 

इसके साथ ही दरवाजे पर लाल रिबन में बांधकर वास्तु के तीन सिक्के भी लटकाना चाहिए।

।। घर में लाना चाहते हैं बरकत तो आज ही घर से हटाएं ये  चीजें, जानिये क्या कहता है वास्तु शास्त्र ।।

वास्तु शास्त्र घर, दुकान या ऑफिस की ऊर्जा में सकारात्मक बदलाव करने की विद्या पर आधारित है। 

इस शास्त्र में ऐसा माना जाता है कि घर में रखा हर एक सामान हमारे परिवार के सदस्यों और उनके जीवन को प्रभावित करता है। 

बताया जाता है कि घर में बरकत भी ऊर्जा से प्रभावित होती है। 

जिस घर में नकारात्मक ऊर्जा  ( How to Remove Negative Energy from Home ) ज्यादा प्रभावशाली होती है उस घर में धन का अभाव होने लगता है। 

ऐसे घरों में लोग ज्यादा बीमार पड़ते हैं। 

इन घरों का सारा धन बीमारी में लग जाता है। 

इस लिए घर से ऐसी ऊर्जा को बाहर निकालना बहुत जरूरी है।

बताया जाता है कि घर में बरकत भी ऊर्जा से प्रभावित होती है।

जिस घर में नकारात्मक ऊर्जा ज्यादा प्रभावशाली होती है उस घर में धन का अभाव होने लगता है।

वास्तु शास्त्र में ऐसा माना जाता है कि घर की ऊर्जा को सकारात्मक :

( Vastu Shastra for Positivity ) बनाए रखना बहुत जरूरी है ताकि घर की ऊर्जा घर में बरकत को खींच कर ला सके। हर घर में ऐसा सामान जरूर होता है जो नकारात्मक ऊर्जा से घर को भर देता है। 

यह जरूरी है कि नकारात्मक ऊर्जा फैलाने वाले सामान को घर से बाहर निकाला जाए ताकि घर बरकत से भर जाए।

फटे - टूटे जूते - चप्पल फेंके घर से बाहर :

अगर आपके घर में फटे हुए और बेकार जूते - चप्पलों का ढेर लगा हुआ है तो इन्हें तुरंत घर से बाहर निकाल दें।

वास्तु शास्त्र में ऐसा माना जाता है कि ऐसे जूते - चप्पल घर में नकारात्मक ऊर्जा लेकर आते हैं। 

इस लिए घर में बस वही जूते - चप्पल रखें जिन्हें घर के लोग पहनते हैं और जो सही हालत में हैं।

खराब फोन से आती नकारात्मकता :

स्मार्टफोन की लाइफ बहुत ज्यादा नहीं होती है। 

ऐसे में घरों में खराब फोन का अंबार लग जाता है। 

अगर घर में खराब फोन है तो या उसे ठीक करवाएं या फिर फेंक दें। 

क्योंकि आपके घर में पड़े ये फोन आपकी बुरी किस्मत को न्यौता देते हैं। 

जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी घर से इन्हें बाहर निकालें।

चरमराता फर्नीचर है दुर्भाग्य को खींचने वाला :

घर में चरमराता फर्नीचर रखने से नकारात्मकता आती है। 

इस लिए घर में सिर्फ वही फर्नीचर रखें जो ठीक हालत में है। 

वरना ऐसे फर्नीचर की रिपेयरिंग करवाएं। 

अगर रिपेयर होने की हालत में नहीं है तो ऐसे फर्नीचर को घर से निकालना ही अच्छा है। 

चरमराते फर्नीचर से निकलने वाली आवाज को अशुभ माना जाता है।

सालों पुरानी दवाइयां को घर से करें बाहर :

अक्सर लोगों के घर में दवाइयों का एक बड़ा - सा बॉक्स होता है। 

इसमें कई सारी ऐसी दवाइयां पड़ी रहती हैं जिनका सालों से कोई इस्तेमाल नहीं हुआ होता है। 

ऐसी दवाइयों को तुरंत घर से बाहर निकाल देना चाहिए। 

माना जाता है कि घर में ऐसी दवाइयां रखने से घर में नकारात्मकता आती है।

         !!!!! शुभमस्तु !!!


🙏हर हर महादेव हर...!!
जय माँ अंबे ...!!!🙏🙏


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-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science) 
" Opp. Shri Satvara vidhyarthi bhuvn,
" Shri Aalbai Niwas "
Shri Maha Prabhuji bethak Road,
JAM KHAMBHALIYA - 361305
(GUJRAT )
सेल नंबर: . + 91- 9427236337 / + 91- 9426633096  ( GUJARAT )
Skype : astrologer85
Email: prabhurajyguru@gmail.com
Email: astrologer.voriya@gmail.com
आप इसी नंबर पर संपर्क/सन्देश करें...धन्यवाद.. 
नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
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मंगलवार, 19 जनवरी 2021

।। વાસ્તુ શાસ્ત્ર ની અનુસાર હોલ અથવા ઓરડા માં ધાતુ ના બનેલા પેઇન્ટિગ્સ , જન્મકુંડલી પર આધારિત કિચન વાસ્તુ , વેદિક વાસ્તુ શાસ્ત્ર વિદ્યા : ઘરે ઘોડાની નાળ લગાવવાથી ફાયદો થાય? ।।

सभी ज्योतिष मित्रों को मेरा निवेदन हे आप मेरा दिया हुवा लेखो की कोपी ना करे में किसी के लेखो की कोपी नहीं करता,  किसी ने किसी का लेखो की कोपी किया हो तो वाही विद्या आगे बठाने की नही हे कोपी करने से आप को ज्ञ्नान नही मिल्त्ता भाई और आगे भी नही बढ़ता , आप आपके महेनत से तयार होने से बहुत आगे बठा जाता हे धन्यवाद ........
जय द्वारकाधीश

।। વાસ્તુ શાસ્ત્ર ની અનુસાર હોલ અથવા ઓરડા માં ધાતુ ના બનેલા પેઇન્ટિગ્સ ને લાગવામાં કેમ નથી આવતા અને ઓરડા અથવા હોલ કે ધર ની સજાવટ વાસ્તુ શાસ્ત્ર પ્રમાણે કેવી હોવી જોઇએ , જન્મકુંડલી પર આધારિત કિચન વાસ્તુ , વેદિક વાસ્તુ શાસ્ત્ર વિદ્યા : ઘરે ઘોડાની નાળ લગાવવાથી ફાયદો થાય?।।


આજના સમય માં નવી આધુનિકતા ની સાથે વાસ્તુ શાસ્ત્ર ને કોઈ જ પ્રકાર ની કઈ દુશમની તો નથી જ પણ દરેક ને તેમના પરિવારો ના સંસ્કારો નું તેમજ શરીર ની પણ કાળજી રાખવી પણ એટલી જરૂરી જ બની જાય છે , 

આધુનિકતા માં કળા અને રુચિઓ ના નામે જ જે વિદેશીઓ ને તેમના દેશમાંથી જે વિકૃતિઓ જ જે આવી રહી છે એને જ સંપૂર્ણ કલાત્મક માનસિકતા પર જ પ્રશ્ન ચિહ્નો જ ઉભા કરી દીધા છે કે તેમાં અમુક માણસો તો પુરા પાગલપન જ થઈ જતા હોય છે, 

1. વિકૃતિ, અશ્લીલ અને બેડોળ ઘણા માણસો ને સરળતાથી તો નહીં સમજાય કારણ કે તે માણસો એક બીજા ની દેખા દેખી માં જ અડધા પાગલપન જેવા તો બની જ જાય છે અને તેમાં પણ વધારે તેમના સંતાનો ના સંસ્કાર અને પૅસા ની બરબાદી તો લટકા ની મફત માં ગ્રીફ્ટ કે ભેટ સ્વરૂપમાં જ મળતી હોય છે , 
        
        કારણ કે વિદેશીઓએ તો તેમના પૅસા કમાવવાની હોડમાં જ ચિત્રો કે પેઇન્ટિગ્સો ને એટલી હદ સુધી વિકૃતિઓ ને મોર્ડન આર્ટ ના નામ ઉપર ફેલાવી દીધી છે કે તેમાં મનુષ્ય ના ધર ના વડીલો થી લઈ નાના બાળકો ને પણ માનસિક ભારણ ના પરેશાનીઓ ના શિકાર આશાની થી બનાવી ને પોતે નામ દામ બને કમાઈ જ  લીધા છે ,

2. આપના વાસ્તુ શાસ્ત્ર અને વેદ પુરાણો ના આધારે જોઈએ તો કોઈ પણ દેવી દેવતાઓ ના ચિત્રો તસવીરો કે પેઇન્ટિગ્સ ને કોઈ પણ દીવાલ ઉપર તો નથી જ લગાવી શકાતી. 


        
        જેમાં પણ શ્રદ્ધા , પૂજા , અને ભય કે ડર હોય તેવા ચિત્રો કે પેઇન્ટિગ્સ ને હોલ કે ઓરડા માં નથી લગાવી શકતા જ

3. અમુક ચિત્રો તસ્વીરો અને પેઇન્ટિગ્સ એવા પણ હોય છે કે જેમાં પ્રણય, મુન્દ્રાઓ તેમજ કામ કળા ની વિગતો હોય અને જે નરી આંખે ન જ દેખી શકાતી હોય તેવી અશ્લીલતા ભરી પડી હોય તેવા પેઇન્ટિગ્સ , ચિત્રો અથવા તસવીરો ને ધર અથવા ઓરડા કે હોલ માં તો ન જ લગાવવા જોઈએ , 

        નહિતર તેમાં આપણા જ પરિવાર ના સભ્યો નું આચરણ પવિત્ર રહેતું જ નથી અને ચિત્રો નો ભાવનો પ્રભાવ તેમજ તેમના તરંગો નો પ્રભાવ એટલો બધો ભયાનક હોય જ છે કે મનુષ્ય બરબાદી તરફ ધકેલાઈ જાય તો પણ તે પેઇન્ટિગ્સ કે ચિત્ર અથવા તસ્વીર નો મોહ છોડી શકતો જ નથી, 

4. જો કે કુદરતી દશ્યો,  ફૂલ વગેરે હોય અને સુરૂચિપૂર્ણ કલાત્મક હિમાઈનો એવી ડિઝાઈનો હોય જેમાં એકંદરે જોતા કે પ્રણયભાવની મધુરતા હોય એવા ચિત્રો કે તસવીરો એવા ઓરડા હોલ કે રૂમ માં લગાવવા વધારે સારા જ હોય છે , 
        સ્ત્રી કે પુરુષ ની કલાત્મક છબી હોય તે ઉત્તમ તો ગણાય જ પરંતુ તે સ્ત્રી કે પુરુષ માં જેવા સંસ્કારો રુચિ હોય તેવા જ સંસ્કારો રુચિઓ ગર્ભાવસ્થા સ્ત્રી ના ભાવિ સનતાનો ઉપર જલ્દી અસર કરી પણ જાય છે માટે તેવા તસ્વીર ચિત્રો અથવા પેઇન્ટિગ્સ ન હોવા જોઈએ, 

5. અમુક પ્રકારના જાતકો ને સિનેમામાં કે રમત ગમત માં વધુ માં વધુ પ્રેમ હોય છે પરંતુ આપનો પ્રેમ દીવાલો ઉપર ન ઉતારો 
       
કારણ કે એવું કરવાથી આપના જ મગજ ઉપર માનસિકતા નું સ્તર એટલી હદ સુધી વિકૃત થઈ જશે કે તમે તમારા જ હાથે તમારા પગ માં કુહાડી માર્યા સમાન જ તમે તમારા કુટુંબ માં મિત્રો માને સગા સબધીઓ માં તમારી માન સન્માન પ્રતિષ્ઠા ને હાનિ પહોંચાડવા માં જરા પણ સમય નહિ લગાવી શકો એક વખત સન્માન પ્રતિષ્ઠા ગુમાવી દીધા પછી બહુ જ જલ્દી મળી પણ નથી શકતી, 

6.આજ કાલ ના સમય માં જોઈએ તો અમુક જાતકો તેમની દીવાલો ઉપર કઈક ને કઈક ચોંટાડયા જ કરતા હોય છે જે પદાર્થ ની વસ્તુ થી જ તમે કઈક ને કઈક વસ્તુઓ ચોંટાડવા માં કર્યા કરતા હોવ છો તે જ પદાર્થ અંતે તમારા જીવન માં એટલું બધું દુઃખ ચોંટાડી દે છે 

        કે તે દુઃખ ને તમે ગમે તેટલી મહેનત કરી લો તો પણ જલ્દી નથી જ ઉખડતું, 

7. મોટા મોટા પેઇન્ટિગ્સ સે પશ્ચિમ દિશા  - દક્ષિણ દિશા ની જ દીવાલો પર લગાવવા જોઈએ જો નાના પેઇન્ટિગ્સ ને પૂર્વ દિશા  તેમજ ઉત્તર દિશા તરફ લગાવવા થી બહુ જ સારો લાભ પ્રાપ્ત કરી શકાય છે, 

8. જો ત્રામ્બા કે પિતલ તેમજ કાશા ની જ ધાતુ ઉપર બનેલા પેઇટિંગ્સ ને ધર કે ઓરડા અથવા હોલ માં પૂર્વ દિશા તરફ લગાવવા માં આવે તો અતિ ઉત્તમ ગણાય છે, 

ઘર ના ઓરડા અથવા હોલ કે ઘર ની અન્ય સજાવટ :

હોલ કે ઓરડા અથવા ધર કે ભવન ની અંદર લગાવવા માં આવતી વસ્તુઓને વાસ્તુશાસ્ત્ર ને અનુસાર જ લગાવીએ તો ઘર માં સુખ શાંતિ કુટુંબ હેતુ મિત્રો સગા સબધીઓ માં માન સન્માન ને સારી પ્રતિષ્ઠા પ્રાપ્ત કરી શકીએ છીએ ,

1. નેઋત્ય ખૂણા માં ઉચ્ચાઈ વાળી અને ભારે વજન વાળી વસ્તુઓ રાખવી જોઈએ,

2. ઈશાન ખૂણા માં હલકા વજન વાળી જ વસ્તુઓ અને જેમની ઊંચાઈ પણ બહુ વધારે પણ ન હોવી જોઈએ, 

3. અગ્નિ ખૂણા માં એવી વસ્તુઓ રાખવી કે શુષ્ક હોય પરંતુ જવલશીલ તો ન જ હોવી જોઈએ, 

4. વાવય ખૂણા માં પણ એવી જ વસ્તુઓ રાખવી કે જવલશીલ ન હોય અને હવા ના સંપર્ક માં ખરાબ પણ ન થતી હોય, 

5. દક્ષિણ દિશા માં શુષ્ક ભંડાર ન કરનારી વસ્તુઓ રાખવી જેમાં અનાજ થી લઈને વસ્ત્રો અને ભોજન ની સામગ્રીઓ સુધીની હોય,

6. ઉત્તર ની દિશા માં એવી વસ્તુઓ રાખવી જેના માટે ભેજ અને વાયુ ની જરૂરત હોય અથવા જે એમાં ખરાબ પણ ન થતી હોય,

7. પૂર્વ દિશા ની તરફ સૂર્ય ના કિરણો થી જ ખરાબ ન થતી હોય તેવી વસ્તુઓ રાખવી અથવા એવી વસ્તુઓ રાખવી કે જે જરૂરિયાત વાળી હોય પરંતુ યાદ રહે કે જેમનાથી ભવન કે ઘર અથવા હોલ કે ઓરડા માં સૂર્ય પ્રકાશ અટકી ન જવો જોઈએ, 

8. પશ્ચિમ દિશા માં પણ નેઋત્ય ખૂણા તરફ લોખંડ કે ભારે સમાન જ વધારે રાખવો અને વાવ્ય ખૂણા તરફ હળવો સમાન જ વધારે રાખવો જોઈએ,

9. બેડરૂમ કે ઘર અથવા ઓરડા માં તેજોરી , કેશ બોક્સ ભંડાર , સ્ટોર રૂમ જેવો જ ઉપયોગ વધારે કરવો જે પણ દક્ષિણ દિશા કે પશ્ચિમ દિશા તરફ જ રાખવા કે તેમનું મુખ પૂર્વ દિશા કે ઉત્તર દિશા તરફ જ રહેવું જોઈએ, 

10. કચડા અન્ન સંગ્રહ અને ભોજન ની સામગ્રી પણ દક્ષિણ દિશા તરફ જ રાખવી જોઈએ,

11. ઘર હોલ કે ઓરડા માં ઇલેક્ટ્રિક વસ્તુઓ જેવી કે વીજળી નું મીટર , વીજળી નો મુખ્ય બોર્ડ , ફ્રિજ , ટીવી , વીસીઆર , દક્ષિણ દિશા - પૂર્વ દિશા તરફ જ રાખવા જોઈએ,

12. બાળકો ના અભ્યાસ કરવાનો રૂમ અથવા પુસ્તકો અને પુસ્તકો રાખવાનો ઘોડો લખવા કે વાંચવા  માટે બેસવાની જગ્યા વાવય દિશા તરફ જ રાખવી જોઈએ, 

13. ભેજ માં બગડી જતી વસ્તુઓ ને ઈશાન ખૂણા તરફ જ રાખવી જોઈએ,

14. પ્લાસ્ટિક , ફાઇબર , પોલીથીન અથવા પોલીરાઈટ જેવી વસ્તુઓ ને દક્ષિણ દિશા તરફ રાખવાથી ખરાબ ખરાબ થઈ જશે જો તે ગરમીને સહન કરનારી હોય તો જ દક્ષિણ દિશા તરફ રાખી શકાય છે, 

15. જૂતા ચંપલ વગેરે રાખવાનો ઘોડો હમેશા ઘર ના મુખ્ય દરવાજા ની બહાર જ રાખવો જોઈએ અંદર રાખો તો સીડી ની આસપાસ જ રાખી શકાય છે 

16. સીડી ઉપર કોઈ પણ પ્રકાર ની વસ્તુઓ ન જ રાખી શકાય તેમની દીવાલ ઉપર તમે આઈના કે પેઇન્ટિગ્સ થી સજાવી જરૂર શકો છો, પરંતુ સીડી ઉપર કુંડા જેવી કે કોઈ ભારે વસ્તુ તો ન જ રાખી શકાય, 
17. ધાતુઓના ફ્લાવર વાઝને સ્થાને પોશર્લિન ના ગુલદાન નો ઉપયોગ ધર ની અંદર બધા જ સભ્યો નો સ્વભાવ શાંત રાખે છે જો ધાતુ ના જ વાઝ બનાવવા જ હોય તો ત્રામ્બુ , પિતલ કે કાશા નો જ ઉપયોગ કરો કે સારી લક્ષ્મી અને સુખ શાંતિ મળે પણ પ્લાસ્ટિક કે સ્ટીલ નો ઉપયોગ ન કરો તે જ વધારે સારું રહે,

18. પ્લાસ્ટિક ના આર્ટિફિશયલ ફ્લાવર કે લતાઓનો પ્રયોગ તમે તમારા પ્રસંગ વખતે તો કરો જ પણ કાયમી ધોરણે વ્યવસ્થા ન કરવી જોઈએ એમના થી ધર ની સુંદરતા માં ઓછપ જરૂર લાગશે પણ શરીર ની સુંદરતા માટે વધારે સારું રહેશે , કારણકે તેમના માંથી નીકળતા જ તારણો તમારા શરીર માં રોગ પ્રતિ કારક શક્તિ નો વધારો કરી શકે છે , જેમાંથી લાભ થવા ના બદલે ખોટા શરીર ને બગાડ કરવા જેવી વાત જ થઈ શકે છે, 

19. ધર ની સજાવટ ના સમાન માં એવી વસ્તુઓ નો પ્રયોગ જ બહુ ઓછો કરવો કે જેમાં પ્લાસ્ટિક કે લોખડ નો પ્રયોગ વધુ જ થતો હોય તેમના થી જેટલું દૂર રહેવા માં આવે તેટલું જ વધારે સારું રહેશે,

જન્મકુંડલી પર આધારિત કિચન વાસ્તુ


કિચન કો વાસ્તુ શાસ્ત્ર અનુસાર બનાવો* :-

👉હર ઘર મે મહિલાઓની સર્વોત્તમ સમય કિચનમાં જ બીતા છે. 

જન્મક કુંડલી અને વાસ્તુશાસ્ત્રીઓ છે, જો વાસ્તુ સાચી નથી તો તેનો વિપરીત પ્રભાવ મહિલા પર ઘર પર પણ પડતો. 

किचन बनवाते समय इन बातों पर गौर करें.

👉જન્મ કુંડલીના ગ્રહના અંક પર આધારિત કિચનની ઊંચાઈ 10 થી 11 ફીટ હોવી જોઈએ અને ગરમ હવા નીકળવા માટે વેન્ટીલેટર હોવું જોઈએ. 

જો 4-5 ફીટમાં કિચનની ऊँचाई हो तो महिला के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. 

कभी भी किच से लगा हुआ कोई जल स्रोत नहीं होना चाहिए। 

કિચનની બાજુમાં બોર, कुआँ, बाथरूम बनवाना अवाइड करें, મને વૉશિંગ સ્પેસ આપી શકે છે.

👉કિચન में सूर्य की रोशनी सबसे अधिक आए। 

આ વાત હંમેશા ધ્યાન રાખો. 

કિચનની સાફ-સફાઈનો વિશેષ ધ્યાન રાખો, કારણથી सकारात्मक व पॉजिटिव एनर्जी आती है.

👉किचन को हमेशा दक्षिण-पूर्व कोना अग्निं (आग्नेय) કહે છે, में ही बनवाना चाहिए। 

જો આ કોણમાં કિચન બનાવવું શક્ય ન હોય તો જવાબ-પશ્ચિમ કોણ સિવાય પણ કોણ કહે છે તે બની શકે છે.

👉કિચનનો સૌથી મહત્વપૂર્ણ ભાગ પ્લેટફાર્મ હંમેશા પહેલા હોવો જોઈએ અને ઈશાન કોણમાં સિંક અને અગ્નિ કોણ ચૂલા લગાવવું જોઈએ.

👉કે દક્ષિણમાં પણ કોઈ પણ દ્વાર આ ખડકી ન જોઈએ. 

खिड़की पूर्व की ओर में ही रखें.

👉રંગની પસંદગી તે સમયે પણ વિશેષ ધ્યાન રાખો. 

મહિલાઓની કુંડલીના આધાર પર રંગ કા પસંદગી કરવી જોઈએ.

વેદિક વાસ્તુ શાસ્ત્ર વિદ્યા : ઘરે ઘોડાની નાળ લગાવવાથી ફાયદો થાય?

એક વખત મંગેશકરને ક્યારેય લોકલ ટ્રેનમાં મુસાફરી કરતી બહેનો સાથે અંતાક્ષરી રમવાની ઈચ્છા થઇ હશે? 

અમિતાભને ક્યારેય આરાધ્યાની સ્કૂલમાં દાદા - દાદી માટેની વકતૃત્વ સ્પર્ધામાં ભાગ લેવાનું મન થયું હશે? 

સામાન્ય રીતે એક મુકામ ઉપર પહોંચ્યા પછી જેમાં મજા પડતી હોય,

એવું કાર્ય કરવાની ઈચ્છા થાય તો પણ તે કરી શકતા નથી. 

ક્યારેક તો એવા વિચારો મગજ સુધી પહોંચી જ નથી શકતા. 

સામાન્ય માણસ જે મજા કે મસ્તીથી જીવે છે, 

તે પ્રતિષ્ઠિત વ્યક્તિઓ નથી કરી શકતી. 

એક સ્તર સુધી પહોંચ્યા પછી પણ ગમતું કરવાની ટેવ સાચવી રાખવામાં પણ સુખ તો છે જ. 

સચિન તેંડુલકર જો વાસ્તુમાં વિશ્વાસ ધરાવે છે, 

તો આપણે પણ વિશ્વાસ રાખવો જોઈએ એ વિચારધારા પણ ખોટી છે. 

દરેકનાં શ્રદ્ધા - વિશ્વાસ અંગત અને અલગ હોઈ શકે છે. 

આજે આપણે કેટલીક અંધશ્રદ્ધા અને માન્યતાઓને સમજીએ.

1. ઈશાનમાં પીવાના પાણીની ટાંકી મૂકવાથી બધા દોષનું નિવારણ થાય છે. 

ઇશાન દિશા પર જળ તત્ત્વનું આધિપત્ય છે, પણ એનો અર્થ એવો નથી કે બધું જ પાણી ઈશાનમાં મૂકીએ. 

પહેલાંના જમાનામાં વરસાદી પાણીનો સંગ્રહ કરીને એને આખું વર્ષ પીવા માટે વાપરવામાં આવતું. 

જેના માટે જમીનની અંદર વિશાળ ટાંકા બનાવાતા. 

આજે વડોદરા રાજકોટ કે સુરત જેવા અમદાવાદની કેટલીક પોળોમાં આજે પણ આવા ટાંકા જોવા મળે છે. 

ભારતીય વાસ્તુમાં પાણી વિશે ખૂબ સારી સમજણ આપવામાં આવી છે. 

ઈશાનમાં કઈ જગ્યાએ કેટલું પાણી હોઈ શકે એની પણ સમજણ છે. 

મુખ્યત્વે જમીનની અંદર પાણી રાખવાનું હોય, તો તે ઈશાનના યોગ્ય પદમાં હોઈ શકે. 

આપણા દરેક તત્ત્વમાં આકર્ષણ છે. પાણી અગ્નિને પણ આકર્ષી શકે છે. તેથી તેને યોગ્ય જગ્યાએ યોગ્ય રીતે રાખવું ખૂબ જરૂરી છે. 

ઈશાનમાં કોઈ પણ જગ્યાએ પાણી ન રાખી શકાય. વળી, ઈશાનમાં પાણી રાખવાથી સમસ્યાનું નિરાકરણ આવે એવું શક્ય નથી. 

જો ખોટી રીતે પાણી મુકાઈ જાય તો તે સમસ્યા ઊભી કરી શકે. 

2. ઘરના મંદિર ઉપર શ્રીફળ મૂકવાથી ઘરમાં ચેતના જાગૃત થાય છે. 

ઈશ્વરને સન્માન આપવું ખૂબ જરૂરી છે. 

ઈશ્વરથી વધારે શક્તિ કોનામાં હોય? 

નિયમ એવો છે કે દેવસ્થાન ઉપર કોઈ પ્રકારનું વજન ન હોવું જોઈએ. 

આપણે શ્રીફળ મૂકીએ તો તેનું વજન તો હોય જ. 

તેથી મંદિરની ઉપર કશું પણ ન રાખવાની સલાહ છે. 
3. દરવાજા ઉપર લાલ કપડાંમાં શ્રીફળ લટકાવી દેવાથી દરવાજાનો દોષ દૂર થાય છે. 

આવી કોઈ વાત શાસ્ત્રોક્ત નથી. કપડામાં કોઈ વસ્તુ બાંધીને રાખવામાં આવે, તો તેમાં ધૂળ ભરાય છે. 

જેની નકારાત્મક અસર આવે છે. 

દરવાજા પાસે આવી કોઈ વસ્તુ ન રાખવી જોઈએ. 

4. મુખ્ય દ્વાર પર ઘોડાની નાળ લગાવવાથી ફાયદો થાય છે. ઘોડો દોડતો હોય અને અચાનક એના પગમાંથી નાળ છુટી થાય, 

તો એને ક્ષણિક હાશકારો થાય છે. 

એવું માનવામાં આવે છે કે એની ઊર્જા આ નાળમાં હોય છે. 

જોકે એના કોઈ શાસ્ત્રોક્ત પુરાવા નથી. વળી, નવીનકોર નાળમાં આવી કોઈ ઊર્જા જ ન હોય. 

કેટલાક લોકો ખાસ નવી નાળ વિવિધ ધાતુમાંથી બનાવડાવે છે. 

તે પણ આખી વાતને સમર્થન આપતા નથી. 

5. સૂતી વખતે ઓશિકા નીચે લોખંડની છરી રાખવાથી ભૂતપ્રેત નજીક આવતા નથી. 

કોઈ અંગ્રેજી ફિલ્મમાં ભૂત ભગાડવા માટે આવી રીત બતાવાઈ હતી. 

એનું સમર્થન કોઈ પણ દેશના શાસ્ત્રો આપતા નથી. 

ફિલ્મોમાં દર્શાવેલી દરેક વાત સાચી ન પણ હોય.


         !!!!! शुभमस्तु !!!


🙏हर हर महादेव हर...!!
जय माँ अंबे ...!!!🙏🙏

पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर:-
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:- 
-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science) 
" Opp. Shri Satvara vidhyarthi bhuvn,
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आप इसी नंबर पर संपर्क/सन्देश करें...धन्यवाद.. 
नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश....
जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏

शुक्रवार, 15 जनवरी 2021

।। श्री सामवेद के प्रवर्चन में वास्तु शास्त्र और घर की दरिद्रता , वास्तु शास्त्र में चित्र कैसे लगाए जाएंगे , आप दीपक ध्यान रखें, सही दिशा में होनी चाहिए दीपक की लौ।।

सभी ज्योतिष मित्रों को मेरा निवेदन हे आप मेरा दिया हुवा लेखो की कोपी ना करे में किसी के लेखो की कोपी नहीं करता,  किसी ने किसी का लेखो की कोपी किया हो तो वाही विद्या आगे बठाने की नही हे कोपी करने से आप को ज्ञ्नान नही मिल्त्ता भाई और आगे भी नही बढ़ता , आप आपके महेनत से तयार होने से बहुत आगे बठा जाता हे धन्यवाद ........
जय द्वारकाधीश

।। श्री सामवेद के प्रवर्चन में वास्तु शास्त्र और घर की दरिद्रता  , वास्तु शास्त्र में चित्र कैसे लगाए जाएंगे आप दीपक ध्यान रखें, सही दिशा में होनी चाहिए दीपक की लौ ।।


हमारे सनातन हिन्दू धर्म के अनुसार सामवेद में पूजन सामग्री और वास्तु के अनुसार इन चीजों को जमीन पर  रखने से घर मे आती है दरिद्रता........                                                            

अक्सर हमारे दैनिक जिंदगी से जुडी हुई कुछ ऐसी बाते होती है जिनका सही तरिके से अनुपालन नहीं करने पर हमे नुकसान होने लगता है। 

हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार, कुछ चीजों को जमीन पर रखने से मनुष्य को नर्क में जाना पड़ता है। 

जी दरअसल श्रीमद भगवत गीता के नवम स्कंद के अनुसार आज हम आपको कुछ ऐसी ही चीजों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें सीधे जमीन पर नहीं रखना चाहिए।




शालिग्राम शिला, शिवलिंग, शालिग्राम का जल, जी दरअसल यह सभी पूजनीय हैं। 

शालिग्राम शिला भगवान विष्णु का और शिवलिंग भगवान शिव का प्रतीक है। 

इसी के साथ धर्म ग्रंथों में शालिग्राम का जल भी पवित्र माना गया है इस कारण इनमें से किसी को भी सीधे जमीन पर नहीं रखना चाहिए।

शंख, दीप, यंत्र, फूल, तुलसीदल, जपमाला, कपूर, चंदन और पुष्पमाला। 

कहा जाता है इन सभी का उपयोग पूजा में या अन्य शुभ कामों में किया जाता है इस कारण इन्हें भी सीधे जमीन पर नहीं रखना चाहिए।

मोती, हीरा, माणिक्य और सोना बहुमूल्य रत्न व धातु हैं। 

इनका संबंध किसी न किसी ग्रह से है। 

इस कारण इन्हें सीधे जमीन पर रखना इनका अपमान ही होता है।

सीप समुद्र से निकलने से के कारण देवी लक्ष्मी से संबंधित है इस कारण इसे भी सीधे जमीन पर नहीं रखना चाहिए।

यज्ञोपवित ब्राह्मण से संबंधित है इस कारण इसे भी जमीन पर नहीं रखना चाहिए।

★★★★★★★

वास्तु शास्त्र में चित्र कैसे लगाए जाएंगे

"हनुमानजी का चित्र घर में कहाँ लगायें?"

श्रीराम भक्त हनुमान ने जो भक्ति प्रभु श्री राम की करी उनकी भक्ति को देखकर ही संसार में आज भक्तों का भंडार हैं मैं तो कहता हूँ कि भक्ति करो हृदय के पट खोलकर मन की शुद्धता से जैसे हनुमान जी ने कि और "भक्ति" में ही "शक्ति" हैं।



 हनुमान जी ने भक्ति की, सत्संग, भजन, तपस्या और दुष्टों का हनन किया असहायों की सहायता की उनको हर कष्टों से बचाया और सभी के पालक बने हर पीङा,कष्ट,दु:ख - दर्द,संकट के समय हर बाधा को झेल कर भक्ति स्वरूप में "श्री राम जी" के साथ रहे यही एक परिवार में होता हैं।

 चाहे मुखिया पर कितने ही कष्ट,बाधाएँ, हारी-बिमारी,दु:ख -दर्द, कोई भी  संकट आए उसको हर बाधाओं का डट कर मुकाबला करके अपने परिवार का पलन - पोषण व संस्कारों तथा भक्ति के जरिये भरण - पोषण करना चाहिए अपने आप प्रभु उसके परिवार का ध्यान रखेंगे व शक्ति प्रदान करेंगे। 

आईए आज मैं "हनुमान जी के चित्र" को हमारे घर पर कैसे लगाए व आपको दिशा का ज्ञान हो और आप सुखी रहे आपका परिवार सुखी रहे।

मैं नहीं लिख रहा हूँ, लिखवाने वाले भी वो हैं ही , पथ पर चलाने वाले प्रभु हैं,मार्गदर्शन देने वाले भी प्रभु ही हैं मैं तो एक जरिया हूँ, विचार उनके हैं,हर शब्द में वो हैं,हर सोच में वो हैं,हर संकट में साथ देने वाले"हनुमान जी" को प्रणाम।

   "संकट मोचन हनुमान जी महाराज की जय"

"जय श्री जाल के बालाजी महाराज की जय"
          "जय सियाराम जी"
हनुमानजी का चित्र घर में कहाँ लगायें?

श्रीराम भक्त हनुमान साक्षात एवं जाग्रत देव हैं। 

हनुमानजी की भक्ति जितनी सरल है उतनी ही कठिन भी। 

कठिन इस लिए की इसमें व्यक्ति को उत्तम चरित्र और मंदिर में पवित्रता रखना जरूरी है अन्यथा इसके दुष्परिणाम भुगतने होते हैं |

हनुमानजी की भक्ति से चमत्कारिक रूप से संकट खत्म होकर भक्त को शांति और सुख प्राप्त होता है। 

विद्वान लोग कहते हैं कि जिसने एक बार हनुमानजी की भक्ति का रस चख लिया वह फिर जिंदगी में अपनी बाजी कभी हारता नहीं। 

जो उसे हार नजर आती है वह अंत में जीत में बदल जाती है। 

ऐसे भक्त का कोई शत्रु नहीं होता।

आपने हनुमानजी के बहुत से चित्र देखे होंगे। 

जैसे- पहाड़ उठाए हनुमानजी, उड़ते हुए हनुमानजी, पंचमुखी हनुमानजी, रामभक्ति में रत हनुमानजी, छाती चीरते हुए, रावण की सभा में अपनी पूंछ के आसन पर बैठे हनुमानजी, लंका दहन करते हनुमान, सीता वाटिका में अंगुठी देते हनुमानजी, गदा से राक्षसों को मारते हनुमानजी, विशालरूप दिखाते हुए हनुमानजी, आशीर्वाद देते हनुमानजी।

राम और लक्षमण को कंधे पर उठाते हुए हनुमानजी, रामायण पढ़ते हनुमानजी, सूर्य को निगलते हुए हनुमानजी, बाल हनुमानजी, समुद्र लांगते हुए हनुमानजी, श्रीराम-हनुमानजी मिलन, सुरसा के मुंह से सूक्ष्म रूप में निकलते हुए हनुमानजी, पत्थर पर श्रीराम नाम लिखते हनुमानजी, लेटे हुए हनुमानजी, खड़े हनुमानजी, शिव पर जल अर्पित करते हनुमानजी, रामायण पढ़ते हुए हनुमानजी, अखाड़े में हनुमानजी शनि को पटकनी देते हुए, ध्यान करते हनुमानजी, श्रीकृष्ण रथ के उपर बैठे हनुमानजी, गदा को कंधे पर रख एक घुटने पर बैठे हनुमानजी, पाताल में मकरध्वज और अहिरावण से लड़ते हनुमानजी, हिमालय पर हनुमानजी, दुर्गा माता के आगे हनुमानजी, तुलसीदासजी को आशीर्वाद देते हनुमानजी, अशोक वाटिका उजाड़ते हुए हनुमानजी, श्रीराम दरबार में नमस्कार मुद्रा में बैठे हनुमानजी आदि।

जिस घर में हनुमानजी का चित्र होता है वहां मंगल, शनि, पितृ और भूतादि का दोष नहीं रहता।

 हनुमानजी के भक्त हैं तो घर में हनुमानजी के चित्र कहां और किस प्रकार के लगाएं यह जानना जरूरी है। 

आओ आज हम आपको बताते हैं श्री हनुमानजी के चित्र लगाने के कुछ नियम। 

किस दिशा में लगाएं हनुमानजी का चित्र : - 

वास्तु के अनुसार हनुमानजी का चित्र हमेशा दक्षिण दिशा की ओर देखते हुए लगाना चाहिए। 

यह चित्र बैठी मुद्रा में लाल रंग का होना चाहिए।

दक्षिण दिशा की ओर मुख करके हनुमानजी का चित्र इसलिए अधिक शुभ है क्योंकि हनुमानजी ने अपना प्रभाव सर्वाधिक इसी दिशा में दिखाया है।  

हनुमानजी का चित्र लगाने पर दक्षिण दिशा से आने वाली हर बुरी ताकत हनुमानजी का चित्र देखकर लौट जाती है। 

इससे घर में सुख और समृद्धि बढ़ती है।

शयनकक्ष में न लगाएं हनुमान चित्र : - 

शास्त्रों के अनुसार हनुमानजी बाल ब्रह्मचारी हैं और इसी वजह से उनका चित्र शयनकक्ष में न रखकर घर के मंदिर में या किसी अन्य पवित्र स्थान पर रखना शुभ रहता है।

शयनकक्ष में रखना अशुभ है।

भूत, प्रेत आदि से बचने हेतु : -

 यदि आपको लगता है कि आपके घर पर नकारात्मक शक्तियों का असर है तो आप हनुमानजी का शक्ति प्रदर्शन की मुद्रा में चित्र लगाएं। 

आप चाहे तो पंचमुखी हनुमानजी का चित्र मुख्य द्वार के ऊपर लगा सकते हैं या ऐसी जगह लगाएं जहां से यह सभी को नजर आए। 

ऐसा करने से घर में किसी भी तरह की बुरी शक्ति प्रवेश नहीं करेगी।

पंचमुखी हनुमान:- 

वास्तु विज्ञान के अनुसार पंचमुखी हनुमानजी की मूर्ति जिस घर में होती है वहां उन्नति के मार्ग में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और धन संपत्ति में वृद्घि होती है।

जलस्रोत दोष : 

यदि भवन में गलत दिशा में कोई भी जल स्रोत हो तो इस वास्तु दोष के कारण परिवार में शत्रु बाधा, बीमारी व मन मुटाव देखने को मिलता है।  

इस दोष को दूर करने के लिए उस भवन में ऐसे पंचमुखी हनुमान का चित्र लगाना चाहिए। 

जिनका मुख  उस जल स्रोत की ओर देखते हुए दक्षिण पाश्चिम दिशा की तरफ हो।

बैठक रूप में : - 

बैठक रूम में आप श्रीराम दरबार का फोटो लगाएं, जहां हनुमानजी प्रभु श्रीरामजी के चरणों में बैठे हुए हैं। 

इसके अलावा बैठक रूम में पंचमुखी हनुमानजी का चित्र, पर्वत उठाते हुए हनुमानजी का चित्र या श्रीराम भजन करते हुए हनुमानजी का चित्र लगा सकते हैं। 

ध्यान रखें कि उपरोक्त में से कोई एक चित्र लगा सकते हैं।

पर्वत उठाते हुए हनुमान का चित्र : - 

यदि यह चित्र आपके घर में है तो आपमें साहस, बल, विश्‍वास और जिम्मेदारी का विकास होगा। 

आप किसी भी परिस्‍थिति से घबराएंगे नहीं। 

हर परिस्थिति आपके समक्ष आपको छोटी नजर आएगी और तुरंत ही उसका समाधान हो जाएगा।

उड़ते हुए हनुमान: - 

यदि यह चित्र आपके घर में है तो आपकी उन्नती, तरक्की और सफलता को कोई रोक नहीं सकता। 

आपमें आगे बढ़ने के प्रति उत्साह और साहस का संचार होगा। 

निरंतर आप सफलता के मार्ग पर बढ़ते जाएंगे |

श्रीराम भजन करते हुए हनुमान :  - यदि यह चित्र आपके घर में है तो आपमें भक्ति और विश्‍वास का संचार होगा। 

यह भक्ति और विश्‍वास ही आपके जीवन की सफलता का आधार है।

★★★★★★★★

आप दीपक ध्यान रखें, सही दिशा में होनी चाहिए दीपक की लौ




कैसे जलाते हैं आप दीपक ध्यान रखें, सही दिशा में होनी चाहिए दीपक की लौ 

 हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले दीपक जलाए जाते हैं।

सुबह-शाम होने वाली पूजा में भी दीपक जलाने की परंपरा है।

वास्तुशास्त्र में दीपक जलाने व उसे रखने के संबंध में कई नियम बताए गए हैं। 

दीपक की लौ की दिशा किस ओर होनी चाहिए, इस संबंध में वास्तुशास्त्र में पर्याप्त जानकारी मिलती है।

वास्तुशास्त्र में यह भी बताया गया है कि दीपक की लौ किस दिशा में होने पर उसका क्या फल मिलता है।

1. दीपक की लौ पूर्व दिशा की ओर रखने से आयु में वृद्धि होती है।

2. दीपक की लौ पश्चिम दिशा की ओर रखने से दु:ख बढ़ता है।

3. दीपक की लौ उत्तर दिशा की ओर रखने से धनलाभ होता है।

4. दीपक की लौ दक्षिण दिशा की ओर रखने से हानि होती है।

 यह हानि किसी व्यक्ति या धन के रूप में भी हो सकती है। 

किसी शुभ कार्य से पहले दीपक जलाते समय इस मंत्र का जप करने से शीघ्र ही सपलता मिलती है।

5. किसी शुभ कार्य से पहले दीपक जलाते समय इस मंत्र का जप करने से शीघ्र ही सफलता मिलती है-

*दीपज्योति: परब्रह्म:*
*दीपज्योति: जनार्दन:*
*दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं* *नमोस्तुते...*

*शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखं सम्पदां*
*शत्रुवृद्धि विनाशं च दीपज्योति: नमोस्तुति...*


         !!!!! शुभमस्तु !!!


🙏हर हर महादेव हर...!!
जय माँ अंबे ...!!!🙏🙏

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ऐसा ही सोते है भाग्यशाली और चांदी के उपाई :

ऐसा ही सोते है भाग्यशाली और चांदी के उपाई  ऐसा ही सोते है भाग्यशाली और चांदी के उपाई  अगर आप ऐसे सोते हैं तो होंगे भाग्यशाली-----क ्यों है द...