घर के मंदिर से जुड़े वास्तुशास्त्र :
घर के मंदिर से जुड़े इन वास्तु टिप्स का रखें ख्याल, दूर होगा दुर्भाग्य और खुलने लगेंगे तरक्की के नए रास्ते
हर मनुष्य के घर में मंदिर सबसे पवित्र स्थान होता है, जहां से सकारात्मक ऊर्जा चारों ओर फैलती है।
शास्त्रों में घर के मंदिर में दिन में दो बार पूजा करने का नियम बताया गया है।
ऐसा करने से मन को शांति महसूस होती है और जीवन में सकारात्मकता आने लगती है।
लेकिन अगर वास्तु के अनुसार, घर का मंदिर सही दिशा में न हो या इससे जुड़ी कुछ गलतियां की गई हों, तो इससे विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
ऐसे में पूजा घर बनवाते और पूजा करते समय वास्तु के कुछ विशेष नियमों का ख्याल जरूर रखना चाहिए।
इससे घर की परेशानियां दूर हो सकती हैं और परिवार के सदस्यों को जीवन में तरक्की मिल सकती है।
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हर घर में मंदिर पवित्र स्थान होता है।
मंदिर से सकारात्मक ऊर्जा फैलती है।
शास्त्रों में दिन में दो बार पूजा करने का नियम है।
वास्तु के अनुसार मंदिर सही दिशा में होना चाहिए।
मंदिर से जुड़ी गलतियों से विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
पूजा घर बनवाते समय वास्तु नियमों का ध्यान रखना चाहिए।
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इस स्थान पर रखें पूजा का सामान :
घर के मंदिर में पूजा का सामान रखने के लिए भी वास्तु में सही दिशा और स्थान बताया गया है।
इसका ख्याल जरूर रखना चाहिए।
मान्यता है कि धूप, दीपक, तेल, धार्मिक किताबें आदि को मंदिर में पश्चिम दीवार की ओर रखना चाहिए।
लेकिन भूलकर भी कोई भी सामान मूर्तियों के ऊपर वाले स्थान पर नहीं रखना चाहिए।
साथ ही, मंदिर को ऐसे स्थान पर रखना चाहिए जहां से पर्याप्त मात्रा में धूप की रोशनी अंदर पड़ती हो।
इस प्रकार घर में मंदिर रखने से आपके जीवन से दुर्भाग्य दूर हो सकता है और कार्यों में आ रही बाधाएं भी धीरे - धीरे नष्ट हो सकती हैं।
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इस दिशा में होना चाहिए घर का मंदिर :
वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर में मंदिर बनवाते या रखते समय दिशा का ध्यान रखना सबसे जरूरी होता है।
इसके लिए सबसे अच्छी दिशा उत्तर-पूर्व मानी गई है।
अगर ऐसा संभव न हो तो आप घर के पूर्व या उत्तर दिशा में भी मंदिर रख सकते हैं।
लेकिन कभी भी मंदिर को दक्षिण दिशा में स्थान नहीं देना चाहिए।
वास्तु के अनुसार, ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा आकर्षित होती है और परिवार के सदस्यों को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
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मंदिर में मूर्तियां रखते समय इन बातों का रखें ध्यान :
पूजा घर में भगवान की प्रतिमा या मूर्तियों को पूर्व या पश्चिम दिशा में रखना चाहिए।
साथ ही, इन मूर्तियों को मंदिर की दीवार से कुछ दूरी पर रखना चाहिए।
मान्यता है कि ऐसा करने से धूप की सुगंध और सकारात्मकता मंदिर में चारों ओर फैलती है।
वास्तु के नियमों का ख्याल रखकर पूजा घर बनाने से जातक को वास्तु दोष से भी छुटकारा मिल सकता है और घर में खुशनुमा माहौल बना रहता है।
वहीं, मंदिर में कभी भी देवी - देवताओं की प्रतिमा को आमने - सामने नहीं रखना चाहिए।
ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता है।
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पूजा घर की नियमित सफाई है बेहद जरूरी :
वास्तु के अनुसार, कभी भी पूजा घर में गंदगी नहीं जमा होनी चाहिए।
इस से जातक को विपरीत प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है।
ऐसे में मंदिर और भगवान की प्रतिमा को नियमित रूप से साफ करना चाहिए।
साथ ही, पूजा घर में गलती से भी खंडित मूर्तियों को नहीं रखना चाहिए।
ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता है।
अगर आप घर के मंदिर से जुड़े इन वास्तु नियमों का ख्याल रखते हैं, तो इससे गृह क्लेश से मुक्ति मिलती है, परिवार के बीच प्रेम बना रहता है और जीवन में तरक्की के नए रास्ते भी खुल सकते हैं।
ऐसी चीजें, तुरंत कर दे घर से बाहर जीवन में परेशानी लाती है :
वास्तु शास्त्र में कई बार आपने देखा होगा की परिवार के लोग तनाव में रहने लगते हैं साथ ही घर में लड़ाई झगड़े बढ़ जाते हैं।
ऐसा इसलिए क्योंकि, घर में नकारात्मकता का संचार होने लगता है।
वास्तु शास्त्र में घर में मौजूद कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताया गया है जिन्हें घर के अंदर बिल्कुल भी नहीं रखना चाहिए, क्योंकि उनसे नकारात्मकता आती है।
वास्तु शास्त्र में कई ऐसे उपाय बताए गए हैं जिनके जरिए आप अपने जीवन से जुड़ी कई समस्याओं का समाधान पा सकते हैं।
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कैक्टस या कांटेदार पौधे :
वास्तु शास्त्र के अनुसार, आपको अपने घर में कभी भी कैक्टस या कोई दूसरा कांटेदार पौधा नहीं रखना चाहिए।
गुलाब के अलावा अन्य सभी कांटेदार पौधों को हटा दें।
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लड़ाई या युद्ध की तस्वीर :
रामायण और महाभारत के युद्ध के दृश्य वाली तस्वीरों को अपने घर में नहीं रखना चाहिए।
ये तस्वीरें परिवार के सदस्यों के बीच दूरी लाती हैं।
बिना फूल या फल के पेड़, डूबते जहाज या नाव, तलवार से लड़ाई की तस्वीर, दुखी और रोते लोगों के तस्वीर घर में कभी न लगाएं।
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ऐसी तस्वीर घर में न लगाएं :
बिना फूल या फल के पेड़, डूबते जहाज या नाव, तलवार से लड़ाई की तस्वीर, दुखी और रोते लोगों के तस्वीर घर में कभी न लगाएं।
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ताज महल :
घर में ताजमहल का शोपीस या उसकी तस्वीर भी नहीं रखनी चाहिए।
लोग इसे प्यार के प्रतीक के रूप में पहचानते हैं लेकिन असल में यह शाहजहां की पत्नी मुमताज बेगम की कब्र है।
यही कारण है कि अपने घर में ताजमहल की कोई शोपीस या तस्वीर नहीं रखनी चाहिए।
माना जाता है कि ऐसी चीजें हमारे जीवन पर गंभीर और गहरा प्रभाव डालती हैं।
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पशु की तस्वीर या मूर्तियां :
सूअर, सांप, गदहे, चील, उल्लू, चमगादड़, गिद्ध, कबूतर और कौवे जैसे जानवरों और पक्षियों की तस्वीर और मूर्तियों से बचें।
वास्तु के अनुसार कपल्स के बेडरूम में एक भी पक्षी या जानवर नहीं होना चाहिए।
घर में न तो किसी जंगली जानवर का चित्र और न ही शो पीस रखना चाहिए क्योंकि वे प्रकृति में जंगलीपन को दर्शाते हैं। इससे घर में रहने वालों के व्यवहार में हिंसक प्रवृत्ति आती है।
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पानी का फाउंटेन :
वास्तु शास्त्र के अनुसार, आप जिस तरह से अपने घर को सजाते हैं, वह आपके बारे में बहुत कुछ बताता है।
कुछ लोग घर में एक अनोखा पानी का फव्वारा रखते हैं।
लेकिन वास्तु के अनुसार आपको ऐसी कोई वस्तु नहीं रखनी चाहिए जो किसी भी चीज के बहने वाले स्वभाव को दर्शाती हो।
यह इस बात का संकेत है कि आपके जीवन में आने वाला धन और समृद्धि अधिक समय तक नहीं रहेगी यह बीतते समय के साथ खो जाएगा।
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नटराज की प्रतिमा या तस्वीर :
एक ब्रह्मांडीय नर्तक के रूप में शिव की तस्वीर लगभग हर शास्त्रीय नर्तक के घर में पाई जाती है।
एक सिक्के के हमेशा दो पहलू होते हैं।
नटराज इस महान कला रूप का प्रतीक है, लेकिन विनाश का भी प्रतीक है।
इसका कारण यह है कि नृत्य रूप वास्तव में एक तांडव नृत्य है जिसका अर्थ है विनाश के लिए नृत्य।
इस लिए घर में कभी भी नटराज की तस्वीर या शोपीस नहीं रखना चाहिए।
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वास्तु शास्त्र में घर की इस दिशा में लगा आईना बना देगा कंगाल ...!
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में आईने की सही जगह और आकार बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
घर में गोल आईने अशुभ माने जाते हैं।
उत्तर दिशा में आयताकार या वर्गाकार आईना वित्तीय विकास को बढ़ावा देता है।
गलत दिशा में लगा आईना जीवन में बाधाएं और नकारात्मकता लाने का काम करता है।
दक्षिण, पश्चिम और दक्षिण - पूर्व दिशाओं में आईना लगाना नुकसानदायक होता है।
वास्तु शास्त्र में घर को अत्यंत महत्व दिया गया है।
घर में रखे हर सामान का घर में रहने वाले लोगों पर अलग - अलग प्रभाव पड़ता है।
घर में रखा शीशा सिर्फ देखने के लिए ही नहीं होता, बल्कि यह घर की ऊर्जा को भी प्रभावित करता है।
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कई बार लोग घर को सजाने के लिए भी घर में बड़े - बड़े आईने खरीदकर जहां जगह दिखे वहीं पर रख देते हैं, लेकिन वास्तु मान्यताओं के अनुसार इसे हर दिशा में नहीं लगाना चाहिए।
घर के आईने को वास्तु शास्त्र में बेहद ही महत्वपूर्ण माना गया है।
गलत दिशा में लगा हुआ आईना जीवन में कई प्रकार की बाधाएं और नकारात्मक परिस्थितियां उत्पन्न कर सकता है।
वास्तु के अनुसार, घर में गोल आकार के आईने का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
इसे अशुभ माना जाता है।
यह मानसिक भ्रम और जीवन में अस्थिरता पैदा करता है।
इस के बजाय, आयताकार या वर्गाकार आईने शुभ माने जाते हैं जो घर में स्थिरता और संतुलन लाते हैं।
आईने का आकार ही नहीं, बल्कि उसे लगाने की दिशा भी बहुत महत्वपूर्ण होती है।
जैसे, उत्तर दिशा में लगा आयताकार या वर्गाकार आईना वित्तीय विकास को बढ़ावा देता है।
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इन दिशाओं में न लगाएं आईना :
वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण दिशा, पश्चिम दिशा और दक्षिण - पूर्व की दीवारों पर आईना लगाना बेहद अशुभ माना जाता है।
कहा जाता है कि इन दिशाओं में लगा शीशा घर की ऊर्जा को असंतुलित कर देता है और घर के सदस्यों में तनाव, विवाद और मानसिक बेचैनी पैदा हो सकती है।
यदि आपके घर या ऑफिस में पहले से इन दिशाओं में आईना लगा हुआ है, तो इसे तुरंत हटा दें।
अगर किसी कारणवश आईना हटाना संभव नहीं है, तो उसे कपड़े से ढककर रख दें।
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किस दिशा में लगाएं शीशा ?
वास्तु के अनुसार, दक्षिण और पश्चिम दिशाएं स्थिरता, शक्ति और नियंत्रण का प्रतीक मानी जाती हैं।
इन दिशाओं में आईना लगाने से यह अस्थिर हो जाती है।
इस से से घर में कलह और विवाद बढ़ने लगते हैं।
ऐसे में परिवार के सदस्यों के खर्च बढ़ते हैं और धीरे - धीरे कंगाल होने तक की नौबत आ जाती है।
घर की उत्तर दिशा में लगा आयताकार या वर्गाकार आईना वित्तीय विकास को बढ़ावा देता है।
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टूटा हुआ शीशा न रखें घर में :
वास्तु में टूटे हुए शीशे को अत्यंत अशुभ माना गया है।
ऐसा माना जाता है कि टूटे हुए आईने से नकारात्मक ऊर्जा निकलती है।
इस से आर्थिक वृद्धि रुक सकती है और जीवन में परेशानियां बढ़ने लगती हैं।
इस लिए टूटे हुए शीशे को घर में रखने के बजाय तुरंत बाहर फेंक देना चाहिए।
रसोई घर तो इस दिशा में होगा अन्न-धन की नहीं होगी कमी :
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वास्तुशास्त्र में रसोई घर की दिशा का खास महत्व होता है।
इस की स्थिति गलत होने से परिवार के सदस्यों के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
साथ ही, रसोई घर के वास्तु नियमों का ख्याल भी जरूर रखना चाहिए।
इस से घर में कभी भी अन्न - धन की कमी नहीं होती है और हमेशा सुख - शांति बनी रहती है।
लेकिन अगर किसी कारण के चलते किचन गलत दिशा में हो तो इसके लिए कुछ उपाय भी किए जा सकते हैं।
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इसका सही दिशा में होना बेहद महत्वपूर्ण होता है।
अगर घर का किचन गलत दिशा, स्थान या गलत तरीके से बनाया गया हुआ हो तो इसका बुरा प्रभाव घर के सभी सदस्यों पर पड़ सकता है।
इससे मानसिक अशांति, फिजूलखर्ची, स्वास्थ्य में गिरावट आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
वहीं, वास्तु के अनुसार रसोई घर बनवाने से घर में सुख - शांति और अन्न-धन बना रहता है।
किचन घर का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है।
इसी स्थान से दिन की शुरुआत और अंत होता है।
सुबह के नाश्ते से लेकर रात का खाना बनाने के लिए किचन सबसे जरूरी होता है।
वहीं, वास्तुशास्त्र में भी रसोई घर का खास महत्व बताया गया है।
इस लिए किचन बनवाते या नया घर लेते वक्त रसोई घर से जुड़े इन वास्तु नियमों का ख्याल जरूर रखें।
लेकिन अगर किसी कारण आपका किचन गलत दिशा में हो तो उसके लिए भी विशेष उपाय किए जा सकते हैं।
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रसोई घर किस दिशा में बनाना चाहिए ?
वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर में रसोई घर हमेशा दक्षिण - पूर्व दिशा में बनवाना चाहिए।
इसे आग्नेय कोण भी कहा जाता है जिसपर अग्नि की प्रभुत्व है।
अग्नि तत्व से संबंधित होने के कारण ही दक्षिण - पूर्व दिशा खाना पकाना सबसे उत्तम माना जाता है।
इस से जातक के घर में कभी भी अन्न - धन की कमी नहीं होती है और घर का माहौल भी सकारात्मक बना रहता है।
लेकिन अगर दक्षिण - पूर्व दिशा में किचन बनवाना संभव न हो तो आप उत्तर - पश्चिम कोने में भी रसोई घर बनवा सकते हैं।
ऐसा करने घर के माहौल पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है।
लेकिन कुछ दिशाओं में भूलकर भी किचन नहीं बनवाना चाहिए।
इस से आपको शुभ की जगह अशुभ फल प्राप्त हो सकता है।
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घर में किचन किस दिशा में नहीं होना चाहिए ?
रसोई घर सही दिशा में हो तो इससे घर का माहौल सकारात्मक बना रहता है।
लेकिन अगर किचन की दिशा सही न हो तो इस से धन की हानि, स्वास्थ्य में गिरावट, गृह क्लेश आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
ऐसे में भूलकर भी घर में कुछ दिशाओं में रसोई घर नहीं बनवाना चाहिए।
वास्तुशास्त्र के मुताबिक, उत्तर - पूर्व, दक्षिण - पश्चिम, मध्य - उत्तर, मध्य दक्षिण, मध्य पश्चिम या केंद्र में किचन का निर्माण भूलकर भी नहीं कराना चाहिए।
वास्तु के अनुसार, इन दिशाओं को रसोई घर के लिए शुभ नहीं माना गया है।
साथ ही, बेडरूम, शौचालय या पूजा घर के ऊपर या नीचे भी किचन नहीं बनवाना चाहिए।
इस से जातक की तरक्की पर बुरा असर पड़ सकता है।
हालां कि, अगर किसी कारण के चलते रसोई घर गलत दिशा या स्थान पर बन गया है तो इसके लिए कुछ उपाय किया जा सकते हैं जिससे वास्तु दोष को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
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किचन गलत दिशा में हो तो क्या करें ?
अगर घर में गलत दिशा में रसोई घर हो तो इसके लिए वास्तु के अनुसार कुछ उपाय किए जा सकते हैं।
इस के लिए किचन में पूर्व दिशा की ओर स्लैब बनाना चाहिए।
लेकिन इस बात का ध्यान रखें की स्लैब उत्तर - पूर्व दिशा में न हो।
साथ ही, चूल्हे की पोजीशन पूर्व और दक्षिण दिशा में करनी चाहिए।
पूर्व की ओर मुख करके खाना पकाना सबसे बेहतर रहेगा।
घर में जिस भी गलत दिशा में रसोई घर स्थित हो उस दिशा का यंत्र उस दीवार पर लगा देना चाहिए।
साथ ही, तीन पिरामिड को रसोई में भी अवश्य लगाएं।
इस उपाय को करने से किचन का वास्तु दोष काफी हद तक कम किया जा सकता है।
वास्तु के अनुसार, अपने किचन के दोनों साइड तुलसी के पौधे लगाने चाहिए।
साथ ही, आप वास्तु शांति और हवन के द्वारा गलत दिशा में बने किचन के दोषों से राहत पा सकते हैं।
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अगर रसोई घर सही स्थान पर न हो तो इस के लिए वास्तु देव की पूजा और मंत्र जाप करना चाहिए।
रसोई घर से जुड़े वास्तु टिप्स और नियम :
वास्तुशास्त्र के अनुसार, किचन में कभी भी जूते-चप्पल पहनकर प्रवेश नहीं करना चाहिए।
ऐसा करने से वास्तु दोष का सामना करना पड़ सकता है।
साथ ही, धन की हानि होने की संभावना बढ़ जाती है।
मान्यता है कि रसोई घर में खाना बनाते वक्त पहली रोटी एक अलग बर्तन में गाय के लिए रख देनी चाहिए।
इस के बाद ही घर के सदस्यों को भोजन परोसना चाहिए।
ऐसा करने से परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और घर में कभी भी अन्न - धन की कमी नहीं होती है।
अक्सर आपने देखा होगा की कुछ रसोई घर में दीवार पर कैंची, चाकू टंगी हुई होती है।
लेकिन वास्तु के अनुसार इसे अच्छा नहीं माना जाता है।
भूलकर भी चाकू जैसी नुकीली चीजों को किचन की दीवार पर नहीं टांगना चाहिए।
रसोई घर में गैस और चूल्हे की स्थिति ऐसी होनी चाहिए कि बाहर से अंदर आते समय किसी भी व्यक्ति की उस पर नजर न पड़े।
साथ ही, पूर्व - दक्षिण दिशा की ओर एक लाल रंग का जीरो वॉट का बल्ब लगाना चाहिए और इसे तब तक जलाकर रखना चाहिए जब तक की गैस चालू हो।
ऐसा करने से वास्तु दोष कम होता है और घर की आर्थिक स्थिति भी मजबूत बनी रहती है।
!!!!! शुभमस्तु !!!
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🙏हर हर महादेव हर...!!
जय माँ अंबे ...!!!🙏🙏
पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर: -
श्री सरस्वति ज्योतिष कार्यालय
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-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science)
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जय द्वारकाधीश....
जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏