pina_AIA2RFAWACV3EAAAGAAFWDOZ3JH2PGQBAAAAACNSESGPGMQ4WT6TT2LLIGAV3NKHXBYZHSXR7HT3AYTCBUEVP4OMQAC74YIA { "event_id": "eventId0001" } { "event_id": "eventId0001" } https://www.profitablecpmrate.com/gtfhp9z6u?key=af9a967ab51882fa8e8eec44994969ec Vastu Astro / Astrologer Pandarama: October 2025

Saturday, October 25, 2025

घर के मंदिर से जुड़े वास्तुशास्त्र :

घर के मंदिर से जुड़े वास्तुशास्त्र  :

घर में सकारात्मक ऊर्जा के लिए घर में रखें पीतल का कछुआ :

वास्तु शास्त्र के अनुसार पीतल के कछुए को घर में रखने से शुभ फल मिलते हैं। 

यह घर में खुशहाली और सकारात्मक ऊर्जा लाता है। 

नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। सौभाग्य प्राप्त होता है। 

कछुए को सही तरीके से रखना जरूरी है, तभी पूरा लाभ मिलेगा। 

कछुए को घर की उत्तर पूर्व दिशा में रखना चाहिए। 

इस से घर का वातावरण सुखमय बना रहता है। 

परिवार में शांति और समृद्धि आती है।






DIVINITI Lakshmi Vishnu 24K Gold Plated Foil Wall and Tabletop Photo Frame for Home Décor, Puja Room, Luxury Gifting | DG Frame 112 S2 (21.5x17.5 CM)

https://amzn.to/47bKxpC



लक्ष्मी प्राप्ति के लिए घर में कहां रखें कुबेर यंत्र, वास्तु शास्त्र में इन 5 यंत्रों की सकारात्मक ऊर्जा जीवन में लाती है तरक्की :

वास्तु शास्त्र के अनुसार लक्ष्मी यंत्र जीवन में धन की कमी को दूर करने वाला यंत्र है। 

इस यंत्र को पैसों की अलमारी या तिजोरी के आसपास रखना चाहिए। 

लक्ष्मी यंत्र के अलावा भी पांच ऐसे यंत्र हैं, जिन्हें सकारात्मक ऊर्जा से जोड़कर देखा जाता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार इस दुनिया की हर चीज एक ऊर्जा से जुड़ी हुई है। 

ऊर्जा एक प्रकार की शक्ति है, जिसका असर हमारे जीवन पर पड़ता है। 

वास्तु शास्त्र में यंत्र शास्त्र में हम उसी ऊर्जा का प्रयोग करते है। 

इसी ऊर्जा को धार्मिक जगत में ईश्वर या पराशक्ति भी कहते हैं। 

सबसे पहले केवल सूर्य को ही ऊर्जा का स्रोत्र मानता रहा था लेकिन हमारे ऋषि मुनियों ने हमेशा से ही ब्रम्हचेतना की बात कही...! 

जिसके बाद यह बात मानी गई कि सूर्य ही नहीं बल्कि दुनिया की हर चीज में एक ऊर्जा उपस्थित है। 

वही, ब्रम्हचेतना आज विज्ञान जगत में कॉस्मिक एनर्जी के रूप में मान्य हो गई है। 

वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ यंत्र ऐसे हैं, जिन्हें घर में रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। 

वास्तु दोष निवारण यंत्र का महत्व :

आपके घर में अगर नकारात्मक ऊर्जा के कारण कोई न कोई अनहोनी घटना हो रही है, तो आपको घर में वास्तु दोष निवारण यंत्र का प्रयोग करना चाहिए। 

वास्तु दोषों को दूर करने और भवन में ऊर्जा प्रवाह को सही कर किया जाता है। 

वास्तु दोष निवारण यंत्र को घर की पूर्व दिशा में लगाना चाहिए। 

वास्त दोष निवारण यंत्र जहां भी रखें, वहां पर फूल- पौधे भी जरूर रख दें, इस से सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है।

श्री यंत्र का महत्व :

श्री यंत्र सबसे शक्तिशाली यंत्रों में से एक है। 

यह धन, समृद्धि और आध्यात्मिक विकास से जुड़ा है। 

इस से लाभ के साथ वित्तीय स्थिरता भी बढ़ती है। 

सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित बिना वास्तु रचनात्मक परिवर्तन को है। 

सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है और वास्तु दोषों के कारण होने वाले नकारात्मक प्रभावों को कम करता है। 

इसे उस स्थान पर रखा जाता है जहां वास्तु दोष पाया जाता है।

कुबेर यंत्र का महत्व :

कुबेर यंत्र धन के देवता भगवान कुबेर को समर्पित है। 

कुबेर यंत्र धन और समृद्धि को आकर्षित करता है, वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करता है और धन संचय और प्रबंधन में मदद करता है। 

कुबेर यंत्र को पैसों की अलमारी या तिजोरी के पास रखना चाहिए, इससे जीवन में धन की कमी नहीं होती। साथ ही बिजनेस और नौकरी में लाभ मिलता है।

लक्ष्मी यंत्र का महत्व :

लक्ष्मी यंत्र का धन की देवी लक्ष्मी को समर्पित होता है। 

लक्ष्मी यंत्र लाभ घन और समृद्धि को आकर्षित करता है। 

इस के अलावा लक्ष्मी यंत्र वित्तीय स्थिरता को बढ़ाता है और घर में शांति और स‌मृद्धि भी लाता है। 

लक्ष्मी यंत्र को उन लोगों को घर में जरूर रखना चाहिए, जिनके हाथ में कभी पैसा नहीं टिकता। 

इसे घर के उत्तरी कोने में रखा जाता है।

सिद्धनीसा यंत्र का महत्व :

सिद्धनीसा यंत्र उद्देश्य यह एक प्रकार का दुकान का रक्षा कवच है। 

यह यंत्र व्यापारियों को जरूर रखना चाहिए। 

सिद्धनीसा यंत्र किसी की नजर - टोक या फिर किसी भी प्रकार की नकारात्मक शक्ति को घर के भीतर प्रवेश नहीं करने देती। 

इस यंत्र को दुकान की चौखट के ऊपर लगानी चाहिए। इससे बिजनेस में तरक्की मिलती है।

घर में इन संकेतों से पता लगाएं वास्तु दोष है या नहीं ?

वास्तु दोष होना अर्थात ऊर्जा का असंतुलन होना। 

घर में वास्तु दोष होने पर परिवार में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है और कई तरह के उल्टे सीधे विचार आते जाते रहते हैं। 

इस आर्टिकल में बताया गया है कि अगर आपके घर में वास्तु दोष है तो उसका पता कैसे लगाएं और किन वास्तु के उपाय से सही कर सकते हैं... !

वास्तु शास्त्र का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। 

दरअसल वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय वास्तुकला और डिजाइन प्रणाली है...! 

जिसका उद्देश्य रहने और काम करने की जगहों के भीतर ऊर्जा प्रवाह को सामंजस्य और संतुलित करना है। 

घर में वास्तु का प्रयोग करने से परिवार के सदस्यों की उन्नति होती है और मानसिक शांति का अनुभव होता है। 

वहीं घर में अगर वास्तु दोष होता है तो रहने वाले सदस्यों के जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है...! 

आर्थिक समस्याएं बनी रहती हैं, कोई ना कोई सदस्य बीमार रहता है आदि कई तरह की समस्याएं बनी रहती हैं। 

घर में मौजूद चीजें सही दिशा में ना होने की वजह से वास्तु दोष निर्मित होता है...! 

आइए सबसे पहले जानते हैं कि आपके घर में वास्तु दोष है या नहीं...!

वास्तु दोष के संकेत :

वास्तु शास्त्र के अनुसार, जिस घर में बार बार लोगों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा हो या ना चाहने पर भी बेवजह के खर्चे अचानक सामने आ जाते हैं....! 

तो इसका मतलब है कि आपके घर में वास्तु दोष है। 

वहीं अगर घर में कोई ना कोई सदस्य लगातार बीमार रहता है और इलाज के बाद भी बीमारी सही नहीं हो रही है तो यह लक्षण वास्तु दोष के हैं।

वास्तु दोष होने पर होती हैं यह घटनाएं :

जिस घर में वास्तु दोष होता है, उस घर में लोगों को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है। 

घर के सदस्यों में आपसी प्रेम खत्म हो जाता है और छोटी छोटी बातों पर लड़ाई झगड़ा या वाद विवाद बना रहता है तो इसका मतलब है कि घर में वास्तु दोष है। 

घर के सदस्यों की चिंता हमेशा लगे रहना और उसकी वजह से नींद ना आना वास्तु दोष की तरफ इशारा करता है।







Indianara Religious Paintings Painting -Synthetic Wood, 27x30.5x1cm, Multicolour (GB3)

https://amzn.to/3L34Ywh



वास्तु दोष होने पर आते हैं ऐसे विचार ;

जिस घर में वास्तु दोष होता है, उस घर के सदस्य सफल होने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं लेकिन असफल हो जाते हैं। 

घर के सदस्य हर समय सुस्ती महसूस करते हैं या दिन भर में फोन या टीवी में लगे रहते हैं। 

वहीं दिमाग में बार बार नकारात्मक विचार आना या जीवन को समाप्त करने के बारे में सोच रहे हैं तो घर का वास्तु सही नहीं है।

घर का मेन गेट की तरफ ध्यान दें :

कई बार घर का मेन गेट सही दिशा में ना होने की वजह से घर का वास्तु खराब हो जाता है और रहने वाले सदस्यों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 

जब किसी व्यक्ति की ग्रहों की दशा खराब हो जाती है तब नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह प्रारंभ हो जाता है....! 

ऐसी परिस्थितियों में भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

वास्तु दोष दूर करने के उपाय :

घर के वास्तु दोष को दूर करने के लिए समय समय पर रामचरितमानस का पाठ या सुंदरकांड का पाठ करवाते रहें। 

वहीं घर के किसी स्थान पर वास्तु दोष निर्माण हो रहा है तो पहले एक कपूर की टिकिया रख दें। 

जब वह टिकिया गलकर खत्म हो जाए तो दूसरी टिकिया रख दें। 

इस तरह कपूर की टिकिया को बदलते रहेंगे तो वास्तु दोष नहीं होगा।

इस तरह वास्तु दोष को करें सही :

घर के मेन गेट पर हर रोज हल्दी और कुमकुम से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं, ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और वास्तु दोष भी खत्म हो जाता है। 

परिवार में लोगों के बीच लड़ाई झगड़ा रहता है तो पोछा लगाते समय पानी में थोड़ा सा नमक डाल दें और फिर पोछा दें। 

वहीं किचन के अग्निकोण में लाल बल्ब लगाकर रखें, ऐसा करने से दोष दूर होता है और घर में सुख शांति और समृद्धि आती है।

+++ +++

इस आकार-प्रकार के भूखण्ड अवनति-उन्नति के लिए हैं जिम्मेदार :


वास्तु शास्त्र के अनुसार अब तक आपने वर्गाकार भूखण्ड, आयताकार भूखण्ड, गोलाकार भूखण्ड, त्रिकोणाकार भूखण्ड, चक्राकार भूखण्ड, शकटाकार भूखण्ड, पंखाकार भूखण्ड, तबलाकार भूखण्ड, शूर्पाकार भूखण्ड, गोमुखाकार भूखण्ड, सिंहमुखाकार भूखण्ड, टी आकार का भूखण्ड, षट्कोणाकार भूखण्ड, अष्टकोणाकार भूखण्ड के बारे में जाना है 

धनुषाकार भूखण्ड- 


धनुषाकार भूखण्ड- वास्तु शास्त्र के अनुसार जो भूखण्ड धनुष के आकार का हो, उस पर निवास नहीं करना चाहिए। 

ऐसा भूखण्ड अशुभ प्रभाव डालता है, शत्रु भय वृद्धि करने वाला धनुषाकार भूखण्ड कष्टकारी माना जाता है।

अद्धचन्द्राकार भूखण्ड- 


अद्धचन्द्राकार भूखण्ड- आधे चन्द्रमा अथवा अर्धवृत्त के समान आकार वाले भूखण्ड पर निवास करने से चोरी, डकैती जैसी घटनाओं से परेशानी का संकट बना रहता है।

विषम बाहु भूखण्ड- 


विषम बाहु भूखण्ड- जो भूखण्ड एक ओर से अनियमित या टेढ़ी - मेढ़ी भुजा वाला हो, ऐसा भूखण्ड विषम बाहु भूखण्ड की श्रेणी में आता है। 

विषम बाहु भूखण्ड पर भवन निर्माण कर रहने पर भूस्वामी सहित परिजनों का चित्त अशांत, बीमारी एवं आर्थिक संकट की स्थिति की सम्भावनाएं होने के कारण ऐसी भूमि त्याज्य है।

चतुष्कोणाकार भूखण्ड- 


चतुष्कोणाकार भूखण्ड-  जो भूखण्ड आमने - सामने से बराबर कोणों वाला होकर गणित के पैरलैलोग्राम जैसा दिखाई पड़े, उसे चतुष्कोणाकार भूखण्ड कहते हैं। 

इस भूखण्ड पर घर बनाकर निवास करना शुभ फलदायी रहता है।

अण्डाकार भूखण्ड- 


अण्डाकार भूखण्ड- अंडे के समान दिखने वाला भूखण्ड अण्डाकार भूखण्ड कहालता है, गोल न होने के कारण यह भूखण्ड अशुभ फलदायी माना गया है। 

इस प्रकार के आकार वाले भूखण्ड को खरीदना नहीं चाहिए। 

यह सर्वथा त्याज्य भूखण्ड की श्रेणी में आता है।

काकमुखाकार भूखण्ड- 


काकमुखाकार भूखण्ड- आगे से संकुचित तथा पीछे से चौड़ा भूखण्ड काकमुखाकार भूखण्ड होता है। 

इस प्रकार का भूखण्ड शुभ फलदायी माना गया है। 

भूस्वामी को सुख - संपत्ति, ऐश्वर्य देने वाला काकमुखाकार भूखण्ड रहता है।

कुम्भाकार भूखण्ड- 


कुम्भाकार भूखण्ड- घड़े की आकृति अर्थात् कुम्भ कलश की आकृति लिए हुए भूखण्ड कुम्भाकार भूखण्ड माना जाता है, इस प्रकार की भूमि आधे घड़े की तरह होती है। 

यह भूखण्ड भूस्वामी के लिए अशुभ रहता है। 

यहां निवास करने से रोग, कष्ट, क्लेश की संभावनाएं अधिक होती हैं।

चिमटाकार भूखण्ड- 


चिमटाकार भूखण्ड- जो भूखण्ड एक तरह से लम्बा तथा दूसरी तरह से छोटा यानी चिमटे के जैसे आकार का होता है, उसे चिमटाकार भूखण्ड कहा जाता है, जो कि निवास के लिए अशुभ रहता है।

मूसलाकार भूखण्ड- 


मूसलाकार भूखण्ड- जिस भूखण्ड की आकृति एक तरफ से गोल तथा आगे चलकर लम्बा हो जाए, उसे मूसलाकार भूखण्ड कहते हैं। 

इसे अत्यन्त अशुभ की श्रेणी में रखा गया है, क्योंकि यहां निवास करने पर दुःख, परेशानी, बीमारी अधिक झेलनी पड़ती है।

!!!!! शुभमस्तु !!!

🙏हर हर महादेव हर...!!
जय माँ अंबे ...!!!🙏🙏

पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर: -
श्री सरस्वति ज्योतिष कार्यालय
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:- 
-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science) 
" Opp. Shri Satvara vidhyarthi bhuvn,
" Shri Aalbai Niwas "
Shri Maha Prabhuji bethak Road,
JAM KHAMBHALIYA - 361305 (GUJRAT )
सेल नंबर: . + 91- 9427236337 / + 91- 9426633096  ( GUJARAT )
Vist us at: www.sarswatijyotish.com
Skype : astrologer85
Email: prabhurajyguru@gmail.com
Email: astrologer.voriya@gmail.com
आप इसी नंबर पर संपर्क/सन्देश करें...धन्यवाद.. 
नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश....
जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏

Friday, October 24, 2025

घर के मंदिर से जुड़े वास्तुशास्त्र :

घर के मंदिर से जुड़े वास्तुशास्त्र  :

घर के मंदिर से जुड़े इन वास्तु टिप्स का रखें ख्याल, दूर होगा दुर्भाग्य और खुलने लगेंगे तरक्की के नए रास्ते

हर मनुष्य के घर में मंदिर सबसे पवित्र स्थान होता है, जहां से सकारात्मक ऊर्जा चारों ओर फैलती है। 
शास्त्रों में घर के मंदिर में दिन में दो बार पूजा करने का नियम बताया गया है। 

ऐसा करने से मन को शांति महसूस होती है और जीवन में सकारात्मकता आने लगती है। 

लेकिन अगर वास्तु के अनुसार, घर का मंदिर सही दिशा में न हो या इससे जुड़ी कुछ गलतियां की गई हों, तो इससे विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। 

ऐसे में पूजा घर बनवाते और पूजा करते समय वास्तु के कुछ विशेष नियमों का ख्याल जरूर रखना चाहिए। 

इससे घर की परेशानियां दूर हो सकती हैं और परिवार के सदस्यों को जीवन में तरक्की मिल सकती है।








SIRIL Women's Georgette Printed Saree With Unstitched Blouse Piece Combo Pack Of 2

Visit the SIRIL Store https://amzn.to/4aatoyt


हर घर में मंदिर पवित्र स्थान होता है। 

मंदिर से सकारात्मक ऊर्जा फैलती है। 

शास्त्रों में दिन में दो बार पूजा करने का नियम है। 

वास्तु के अनुसार मंदिर सही दिशा में होना चाहिए। 

मंदिर से जुड़ी गलतियों से विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। 

पूजा घर बनवाते समय वास्तु नियमों का ध्यान रखना चाहिए।

+++ +++

इस स्थान पर रखें पूजा का सामान :

घर के मंदिर में पूजा का सामान रखने के लिए भी वास्तु में सही दिशा और स्थान बताया गया है। 

इसका ख्याल जरूर रखना चाहिए। 

मान्यता है कि धूप, दीपक, तेल, धार्मिक किताबें आदि को मंदिर में पश्चिम दीवार की ओर रखना चाहिए। 

लेकिन भूलकर भी कोई भी सामान मूर्तियों के ऊपर वाले स्थान पर नहीं रखना चाहिए। 

साथ ही, मंदिर को ऐसे स्थान पर रखना चाहिए जहां से पर्याप्त मात्रा में धूप की रोशनी अंदर पड़ती हो। 

इस प्रकार घर में मंदिर रखने से आपके जीवन से दुर्भाग्य दूर हो सकता है और कार्यों में आ रही बाधाएं भी धीरे - धीरे नष्ट हो सकती हैं।

+++ +++

इस दिशा में होना चाहिए घर का मंदिर :

वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर में मंदिर बनवाते या रखते समय दिशा का ध्यान रखना सबसे जरूरी होता है। 

इसके लिए सबसे अच्छी दिशा उत्तर-पूर्व मानी गई है। 

अगर ऐसा संभव न हो तो आप घर के पूर्व या उत्तर दिशा में भी मंदिर रख सकते हैं। 

लेकिन कभी भी मंदिर को दक्षिण दिशा में स्थान नहीं देना चाहिए। 

वास्तु के अनुसार, ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा आकर्षित होती है और परिवार के सदस्यों को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

+++ +++

मंदिर में मूर्तियां रखते समय इन बातों का रखें ध्यान :

पूजा घर में भगवान की प्रतिमा या मूर्तियों को पूर्व या पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। 

साथ ही, इन मूर्तियों को मंदिर की दीवार से कुछ दूरी पर रखना चाहिए। 

मान्यता है कि ऐसा करने से धूप की सुगंध और सकारात्मकता मंदिर में चारों ओर फैलती है। 

वास्तु के नियमों का ख्याल रखकर पूजा घर बनाने से जातक को वास्तु दोष से भी छुटकारा मिल सकता है और घर में खुशनुमा माहौल बना रहता है। 

वहीं, मंदिर में कभी भी देवी - देवताओं की प्रतिमा को आमने - सामने नहीं रखना चाहिए। 

ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता है।

+++ +++

पूजा घर की नियमित सफाई है बेहद जरूरी :

वास्तु के अनुसार, कभी भी पूजा घर में गंदगी नहीं जमा होनी चाहिए। 

इस से जातक को विपरीत प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है। 

ऐसे में मंदिर और भगवान की प्रतिमा को नियमित रूप से साफ करना चाहिए। 

साथ ही, पूजा घर में गलती से भी खंडित मूर्तियों को नहीं रखना चाहिए। 

ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता है। 

अगर आप घर के मंदिर से जुड़े इन वास्तु नियमों का ख्याल रखते हैं, तो इससे गृह क्लेश से मुक्ति मिलती है, परिवार के बीच प्रेम बना रहता है और जीवन में तरक्की के नए रास्ते भी खुल सकते हैं।








ऐसी चीजें, तुरंत कर दे घर से बाहर जीवन में परेशानी लाती है :

वास्तु शास्त्र में कई बार आपने देखा होगा की परिवार के लोग तनाव में रहने लगते हैं साथ ही घर में लड़ाई झगड़े बढ़ जाते हैं। 

ऐसा इसलिए क्योंकि, घर में नकारात्मकता का संचार होने लगता है। 

वास्तु शास्त्र में घर में मौजूद कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताया गया है जिन्हें घर के अंदर बिल्कुल भी नहीं रखना चाहिए, क्योंकि उनसे नकारात्मकता आती है। 

वास्तु शास्त्र में कई ऐसे उपाय बताए गए हैं जिनके जरिए आप अपने जीवन से जुड़ी कई समस्याओं का समाधान पा सकते हैं।

+++ +++

कैक्टस या कांटेदार पौधे :

वास्तु शास्त्र के अनुसार, आपको अपने घर में कभी भी कैक्टस या कोई दूसरा कांटेदार पौधा नहीं रखना चाहिए। 

गुलाब के अलावा अन्य सभी कांटेदार पौधों को हटा दें।

+++ +++

लड़ाई या युद्ध की तस्वीर :
 
रामायण और महाभारत के युद्ध के दृश्य वाली तस्वीरों को अपने घर में नहीं रखना चाहिए। 

ये तस्वीरें परिवार के सदस्यों के बीच दूरी लाती हैं।

बिना फूल या फल के पेड़, डूबते जहाज या नाव, तलवार से लड़ाई की तस्वीर, दुखी और रोते लोगों के तस्वीर घर में कभी न लगाएं।

+++ +++

ऐसी तस्वीर घर में न लगाएं :

बिना फूल या फल के पेड़, डूबते जहाज या नाव, तलवार से लड़ाई की तस्वीर, दुखी और रोते लोगों के तस्वीर घर में कभी न लगाएं।

+++ +++

ताज महल :

घर में ताजमहल का शोपीस या उसकी तस्वीर भी नहीं रखनी चाहिए। 

लोग इसे प्यार के प्रतीक के रूप में पहचानते हैं लेकिन असल में यह शाहजहां की पत्नी मुमताज बेगम की कब्र है। 

यही कारण है कि अपने घर में ताजमहल की कोई शोपीस या तस्वीर नहीं रखनी चाहिए। 

माना जाता है कि ऐसी चीजें हमारे जीवन पर गंभीर और गहरा प्रभाव डालती हैं।

+++ +++

पशु की तस्वीर या मूर्तियां :

सूअर, सांप, गदहे, चील, उल्लू, चमगादड़, गिद्ध, कबूतर और कौवे जैसे जानवरों और पक्षियों की तस्वीर और मूर्तियों से बचें। 

वास्तु के अनुसार कपल्स के बेडरूम में एक भी पक्षी या जानवर नहीं होना चाहिए। 

घर में न तो किसी जंगली जानवर का चित्र और न ही शो पीस रखना चाहिए क्योंकि वे प्रकृति में जंगलीपन को दर्शाते हैं। इससे घर में रहने वालों के व्यवहार में हिंसक प्रवृत्ति आती है।

+++ +++

पानी का फाउंटेन :

वास्तु शास्त्र के अनुसार, आप जिस तरह से अपने घर को सजाते हैं, वह आपके बारे में बहुत कुछ बताता है। 

कुछ लोग घर में एक अनोखा पानी का फव्वारा रखते हैं। 

लेकिन वास्तु के अनुसार आपको ऐसी कोई वस्तु नहीं रखनी चाहिए जो किसी भी चीज के बहने वाले स्वभाव को दर्शाती हो। 

यह इस बात का संकेत है कि आपके जीवन में आने वाला धन और समृद्धि अधिक समय तक नहीं रहेगी यह बीतते समय के साथ खो जाएगा।

+++ +++

नटराज की प्रतिमा या तस्वीर :

एक ब्रह्मांडीय नर्तक के रूप में शिव की तस्वीर लगभग हर शास्त्रीय नर्तक के घर में पाई जाती है। 

एक सिक्के के हमेशा दो पहलू होते हैं। 

नटराज इस महान कला रूप का प्रतीक है, लेकिन विनाश का भी प्रतीक है। 

इसका कारण यह है कि नृत्य रूप वास्तव में एक तांडव नृत्य है जिसका अर्थ है विनाश के लिए नृत्य। 

इस लिए घर में कभी भी नटराज की तस्वीर या शोपीस नहीं रखना चाहिए।

+++ +++

वास्तु शास्त्र में  घर की इस दिशा में लगा आईना बना देगा कंगाल ...!


वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में आईने की सही जगह और आकार बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।  

घर में गोल आईने अशुभ माने जाते हैं। 

उत्तर दिशा में आयताकार या वर्गाकार आईना वित्तीय विकास को बढ़ावा देता है।  

गलत दिशा में लगा आईना जीवन में बाधाएं और नकारात्मकता लाने का काम करता है। 

दक्षिण, पश्चिम और दक्षिण - पूर्व दिशाओं में आईना लगाना नुकसानदायक होता है।

वास्तु शास्त्र में घर को अत्यंत महत्व दिया गया है। 

घर में रखे हर सामान का घर में रहने वाले लोगों पर अलग - अलग प्रभाव पड़ता है।  

घर में रखा शीशा सिर्फ देखने के लिए ही नहीं होता, बल्कि यह घर की ऊर्जा को भी प्रभावित करता है। 

+++ +++

कई बार लोग घर को सजाने के लिए भी घर में बड़े - बड़े आईने खरीदकर जहां जगह दिखे वहीं पर रख देते हैं, लेकिन वास्तु मान्यताओं के अनुसार इसे हर दिशा में नहीं लगाना चाहिए।  

घर के आईने को वास्तु शास्त्र में बेहद ही महत्वपूर्ण माना गया है।  

गलत दिशा में लगा हुआ आईना जीवन में कई प्रकार की बाधाएं और नकारात्मक परिस्थितियां उत्पन्न कर सकता है।

वास्तु के अनुसार, घर में गोल आकार के आईने का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। 

इसे अशुभ माना जाता है। 

यह मानसिक भ्रम और जीवन में अस्थिरता पैदा करता है। 

इस के बजाय, आयताकार या वर्गाकार आईने शुभ माने जाते हैं जो घर में स्थिरता और संतुलन लाते हैं। 

आईने का आकार ही नहीं, बल्कि उसे लगाने की दिशा भी बहुत महत्वपूर्ण होती है। 

जैसे, उत्तर दिशा में लगा आयताकार या वर्गाकार आईना वित्तीय विकास को बढ़ावा देता है।

+++ +++

इन दिशाओं में न लगाएं आईना :


वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण दिशा, पश्चिम दिशा और दक्षिण - पूर्व की दीवारों पर आईना लगाना बेहद अशुभ माना जाता है। 

कहा जाता है कि इन दिशाओं में लगा शीशा घर की ऊर्जा को असंतुलित कर देता है और घर के सदस्यों में तनाव, विवाद और मानसिक बेचैनी पैदा हो सकती है। 

यदि आपके घर या ऑफिस में पहले से इन दिशाओं में आईना लगा हुआ है, तो इसे तुरंत हटा दें। 

अगर किसी कारणवश आईना हटाना संभव नहीं है, तो उसे कपड़े से ढककर रख दें।

+++ +++

किस दिशा में लगाएं शीशा ?


वास्तु के अनुसार, दक्षिण और पश्चिम दिशाएं स्थिरता, शक्ति और नियंत्रण का प्रतीक मानी जाती हैं। 

इन दिशाओं में आईना लगाने से यह अस्थिर हो जाती है। 

इस से से घर में कलह और विवाद बढ़ने लगते हैं। 

ऐसे में परिवार के सदस्यों के खर्च बढ़ते हैं और धीरे - धीरे कंगाल होने तक की नौबत आ जाती है। 

घर की उत्तर दिशा में लगा आयताकार या वर्गाकार आईना वित्तीय विकास को बढ़ावा देता है।

+++ +++

टूटा हुआ शीशा न रखें घर में :

वास्तु में टूटे हुए शीशे को अत्यंत अशुभ माना गया है। 

ऐसा माना जाता है कि टूटे हुए आईने से नकारात्मक ऊर्जा निकलती है। 

इस से आर्थिक वृद्धि रुक सकती है और जीवन में परेशानियां बढ़ने लगती हैं। 

इस लिए टूटे हुए शीशे को घर में रखने के बजाय तुरंत बाहर फेंक देना चाहिए।

रसोई घर तो इस दिशा में होगा अन्न-धन की नहीं होगी कमी :

+++ +++

वास्तुशास्त्र में रसोई घर की दिशा का खास महत्व होता है। 


इस की स्थिति गलत होने से परिवार के सदस्यों के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। 

साथ ही, रसोई घर के वास्तु नियमों का ख्याल भी जरूर रखना चाहिए। 

इस से घर में कभी भी अन्न - धन की कमी नहीं होती है और हमेशा सुख - शांति बनी रहती है। 

लेकिन अगर किसी कारण के चलते किचन गलत दिशा में हो तो इसके लिए कुछ उपाय भी किए जा सकते हैं।

+++ +++

इसका सही दिशा में होना बेहद महत्वपूर्ण होता है। 

अगर घर का किचन गलत दिशा, स्थान या गलत तरीके से बनाया गया हुआ हो तो इसका बुरा प्रभाव घर के सभी सदस्यों पर पड़ सकता है। 

इससे मानसिक अशांति, फिजूलखर्ची, स्वास्थ्य में गिरावट आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। 

वहीं, वास्तु के अनुसार रसोई घर बनवाने से घर में सुख - शांति और अन्न-धन बना रहता है।  

किचन घर का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है। 

इसी स्थान से दिन की शुरुआत और अंत होता है। 

सुबह के नाश्ते से लेकर रात का खाना बनाने के लिए किचन सबसे जरूरी होता है। 

वहीं, वास्तुशास्त्र में भी रसोई घर का खास महत्व बताया गया है। 

इस लिए किचन बनवाते या नया घर लेते वक्त रसोई घर से जुड़े इन वास्तु नियमों का ख्याल जरूर रखें। 

लेकिन अगर किसी कारण आपका किचन गलत दिशा में हो तो उसके लिए भी विशेष उपाय किए जा सकते हैं।

+++ +++

रसोई घर किस दिशा में बनाना चाहिए ?


वास्तुशास्त्र  के अनुसार, घर में रसोई घर हमेशा दक्षिण - पूर्व दिशा में बनवाना चाहिए। 

इसे आग्नेय कोण भी कहा जाता है जिसपर अग्नि की प्रभुत्व है। 

अग्नि तत्व से संबंधित होने के कारण ही दक्षिण - पूर्व दिशा खाना पकाना सबसे उत्तम माना जाता है। 

इस से जातक के घर में कभी भी अन्न - धन की कमी नहीं होती है और घर का माहौल भी सकारात्मक बना रहता है। 

लेकिन अगर दक्षिण - पूर्व दिशा में किचन बनवाना संभव न हो तो आप उत्तर - पश्चिम कोने में भी रसोई घर बनवा सकते हैं। 

ऐसा करने घर के माहौल पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। 

लेकिन कुछ दिशाओं में भूलकर भी किचन नहीं बनवाना चाहिए। 

इस से आपको शुभ की जगह अशुभ फल प्राप्त हो सकता है।

+++ +++

घर में किचन किस दिशा में नहीं होना चाहिए ?


रसोई घर सही दिशा में हो तो इससे घर का माहौल सकारात्मक बना रहता है। 

लेकिन अगर किचन की दिशा सही न हो तो इस से धन की हानि, स्वास्थ्य में गिरावट, गृह क्लेश आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। 

ऐसे में भूलकर भी घर में कुछ दिशाओं में रसोई घर नहीं बनवाना चाहिए। 

वास्तुशास्त्र के मुताबिक, उत्तर - पूर्व, दक्षिण - पश्चिम, मध्य - उत्तर, मध्य दक्षिण, मध्य पश्चिम या केंद्र में किचन का निर्माण भूलकर भी नहीं कराना चाहिए। 

वास्तु के अनुसार, इन दिशाओं को रसोई घर के लिए शुभ नहीं माना गया है। 

साथ ही, बेडरूम, शौचालय या पूजा घर के ऊपर या नीचे भी किचन नहीं बनवाना चाहिए। 

इस से जातक की तरक्की पर बुरा असर पड़ सकता है। 

हालां कि, अगर किसी कारण के चलते रसोई घर गलत दिशा या स्थान पर बन गया है तो इसके लिए कुछ उपाय किया जा सकते हैं जिससे वास्तु दोष को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

+++ +++

किचन गलत दिशा में हो तो क्या करें ?


अगर घर में गलत दिशा में रसोई घर हो तो इसके लिए वास्तु के अनुसार कुछ उपाय किए जा सकते हैं। 

इस के लिए किचन में पूर्व दिशा की ओर स्लैब बनाना चाहिए। 

लेकिन इस बात का ध्यान रखें की स्लैब उत्तर - पूर्व दिशा में न हो। 

साथ ही, चूल्हे की पोजीशन पूर्व और दक्षिण दिशा में करनी चाहिए। 

पूर्व की ओर मुख करके खाना पकाना सबसे बेहतर रहेगा।

घर में जिस भी गलत दिशा में रसोई घर स्थित हो उस दिशा का यंत्र उस दीवार पर लगा देना चाहिए। 

साथ ही, तीन पिरामिड को रसोई में भी अवश्य लगाएं। 

इस उपाय को करने से किचन का वास्तु दोष काफी हद तक कम किया जा सकता है।

वास्तु के अनुसार, अपने किचन के दोनों साइड तुलसी के पौधे लगाने चाहिए। 

साथ ही, आप वास्तु शांति और हवन के द्वारा गलत दिशा में बने किचन के दोषों से राहत पा सकते हैं।
 
+++ +++

अगर रसोई घर सही स्थान पर न हो तो इस के लिए वास्तु देव की पूजा और मंत्र जाप करना चाहिए।

रसोई घर से जुड़े वास्तु टिप्स और नियम : 


वास्तुशास्त्र के अनुसार, किचन में कभी भी जूते-चप्पल पहनकर प्रवेश नहीं करना चाहिए। 

ऐसा करने से वास्तु दोष का सामना करना पड़ सकता है। 

साथ ही, धन की हानि होने की संभावना बढ़ जाती है।

मान्यता है कि रसोई घर में खाना बनाते वक्त पहली रोटी एक अलग बर्तन में गाय के लिए रख देनी चाहिए। 

इस के बाद ही घर के सदस्यों को भोजन परोसना चाहिए। 

ऐसा करने से परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और घर में कभी भी अन्न - धन की कमी नहीं होती है।

अक्सर आपने देखा होगा की कुछ रसोई घर में दीवार पर कैंची, चाकू टंगी हुई होती है। 

लेकिन वास्तु के अनुसार इसे अच्छा नहीं माना जाता है। 

भूलकर भी चाकू जैसी नुकीली चीजों को किचन की दीवार पर नहीं टांगना चाहिए।

रसोई घर में गैस और चूल्हे की स्थिति ऐसी होनी चाहिए कि बाहर से अंदर आते समय किसी भी व्यक्ति की उस पर नजर न पड़े। 

साथ ही, पूर्व - दक्षिण दिशा की ओर एक लाल रंग का जीरो वॉट का बल्ब लगाना चाहिए और इसे तब तक जलाकर रखना चाहिए जब तक की गैस चालू हो। 

ऐसा करने से वास्तु दोष कम होता है और घर की आर्थिक स्थिति भी मजबूत बनी रहती है।

!!!!! शुभमस्तु !!!

+++ +++

🙏हर हर महादेव हर...!!
जय माँ अंबे ...!!!🙏🙏

पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर: -
श्री सरस्वति ज्योतिष कार्यालय
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:- 
-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science) 
" Opp. Shri Satvara vidhyarthi bhuvn,
" Shri Aalbai Niwas "
Shri Maha Prabhuji bethak Road,
JAM KHAMBHALIYA - 361305 (GUJRAT )
सेल नंबर: . + 91- 9427236337 / + 91- 9426633096  ( GUJARAT )
Vist us at: www.sarswatijyotish.com
Skype : astrologer85
Email: prabhurajyguru@gmail.com
Email: astrologer.voriya@gmail.com
आप इसी नंबर पर संपर्क/सन्देश करें...धन्यवाद.. 
नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश....
जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏 


Wednesday, October 1, 2025

घर की इस दिशा में लगाएं गेंदे का पौधा/फिश पेंटिंग घर की इस दिशा में लगाएं, :

घर की इस दिशा में लगाएं गेंदे का पौधा/फिश पेंटिंग घर की इस दिशा में लगाएं, :


घर की इस दिशा में लगाएं गेंदे का पौधा :


घर की इस दिशा में लगाएं गेंदे का पौधा, धन - दौलत से भर जाएगी झोली, पाएंगे तरक्की गेंदे के पीले और नारंगी फूलों का हिंदू धर्म में खास महत्व है। 

ये फूल भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को भी बेहद प्रिय हैं। 

वास्तुशास्त्र के अनुसार, गेंदे के फूल घर में सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं। 

इसे सही दिशा में लगाने से घर में सुख - समृद्धि बनी रहती है। 

पूजा में गेंदे के फूलों का प्रयोग करने से धन की समस्या से भी छुटकारा मिल सकता है।

पीले और नारंगी रंग के गेंदे के फूलों का हिंदू धर्म में खास महत्व होता है। 






Acer [SmartChoice Aspire 3 Laptop Intel Core Celeron N4500 Processor Laptop (8 GB LPDDR4X SDRAM/256 GB SSD/Win11 Home/38 WHR/HD Webcam) A325-45 with 39.63 cm (15.6") HD Display, Pure Silver, 1.5 KG

https://amzn.to/42jnrKP



इसे देवी - देवताओं की पूजा में और धार्मिक कार्यों में विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है। 

गेंदे के पीले फूल बिल्कुल सूर्योदय के रंग जैसे प्रतीत होते हैं। 

वहीं, नारंगी रंग के गेंदे के फूल सूर्यास्त के प्रतीक होते हैं। 

साथ ही, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को ये फूल बेहद प्रिय होते हैं। 

ऐसे में वास्तुशास्त्र में भी गेंदे के फूलों का खास महत्व बताया गया है। 
+++ +++
इसे घर में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और धन - धान्य की भी प्राप्ति होती है। 

ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं कि वास्तु के अनुसार गेंदे के फूल को किस दिशा में लगाना चाहिए और इसके क्या लाभ होते हैं।

गेंदे के फूल सही दिशा में लगाने के लाभ :

माना जाता है कि घर में सही स्थान पर गेंदे के फूल को रखने से नाकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है। 

साथ ही, इसकी मनमोहक सुगंध से आसपास का वातावरण सकारात्मक होता है। 

अगर आप गेंदे के फूल को घर में सही दिशा में लगाते हैं तो इससे माता लक्ष्मी और विष्णुजी की कृपा प्राप्त हो सकती है। 

+++ +++

साथ ही, घर में सुख - समृद्धि और शांति सदैव बनी रहती है। 

इन फूलों को पूजा में भी जरूर प्रयोग करना चाहिए। 

ऐसा करने से आपको पैसों की तंगी से निजात मिल सकती है और धन लाभ योग बनने लगते हैं। 

घर में गेंदे के फूल लगाने से परिवार के बीच का माहौल खुशनुमा बना रहता है जीवन में तरक्की के नए रास्ते भी खुलने लगते हैं।

+++ +++

गेंदे का फूल घर की इस दिशा में लगाएं :

वास्तुशास्त्र के अनुसार, गेंदे के फूलों को घर की सही दिशा में लगाना बहुत जरूरी होता है। 

अगर आप इसे गलत स्थान या दिशा में रखते हैं तो इससे अशुभ फल की प्राप्ति हो सकती है। 

वास्तु के अनुसार, गेंदे के फूल का पौधा हमेशा ईशान कोण यानी उत्तर - पूर्व दिशा में लगाना चाहिए। 

इसके अलावा, आप पूर्व या उत्तर दिशा में भी इस शुभ पौधे को लगा सकते हैं। 

ऐसा करने से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और इस की जगह सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। 

साथ ही, इस पौधे से आसपास का वातावरण भी शुद्ध होता है।

+++ +++


गेंदे का पौधा लगाने के विशेष वास्तु नियम :

इस शुभ पौधे को घर के मुख्य द्वार पर लगाना भी बहुत शुभ माना जाता है। 

ऐसा करने से घर के अंदर नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाती है।

वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर में कभी भी गेंदे के पौधे को दक्षिण या पश्चिम दिशा में नहीं लगाना चाहिए। 
ऐसा करने से अशुभ फल की प्राप्ति हो सकती है।

+++ +++

गेंदे के फूल को भूलकर भी गंदे स्थान, रसोई घर, बाथरूम और टॉयलेट के पास नहीं रखना चाहिए। 

इन जगहों पर गेंदे के पौधे को रखना शुभ नहीं माना जाता है।

घर में कभी भी ऐसा गेंदे का पौधा नहीं रखना चाहिए जो पूरी तरह मुरझा गया हो या उसके फूल और पत्ते सूख रहे हों। 

साथ ही, पौधे के हरा - भरा रहने का भी ख्याल रखना चाहिए।

गेंदे के फूलों की माला बनाकर देवी - देवताओं को समर्पित करनी चाहिए। 

ऐसा करने से जातक को भगवान की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है।






========

फिश पेंटिंग घर की इस दिशा में लगाएं, :

फिश पेंटिंग घर की इस दिशा में लगाएं, गुड लक होगा शुरू, धन - दौलत में होगी दोगुनी वृद्धि...! 

मछलियों की पेंटिंग अक्सर लोग अपने घरों में लगाते हैं। 

घर की सुंदरता बढ़ाने के साथ - साथ इसे वास्तुशास्त्र में बहुत शुभ भी माना जाता है। 

+++ +++

कहते हैं कि घर में मछलियों की पेंटिंग लगाने से आसपास से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। 

इसे घर की सही दीवार पर लगाने से जातक को गृह क्लेश से भी मुक्ति मिलती है और जीवन से बुरा वक्त दूर हो सकता है। 

लेकिन अगर आपने इस शुभ पेंटिंग को गलत स्थान या दिशा में लगाया है, तो पेंटिंग का विपरीत प्रभाव भी देखने को मिल सकता है। 

+++ +++

ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं कि वास्तुशास्त्र के अनुसार मछलियों की पेंटिंग को घर की किस में लगाना शुभ होता है और इससे क्या लाभ प्राप्त होता है।

मछलियों की पेंटिंग का वास्तुशास्त्र में खास महत्व बताया गया है। इसे घर में सही दिशा और स्थान पर लगाने से नकारात्मकता दूर होती है। 

साथ ही, इससे परिवार के बीच आपसी प्रेम बना रहता है और आपका गुड लक भी शुरू हो सकता है। 

+++ +++

मछलियों की पेंटिंग को धन और सौभाग्य का प्रतीक भी माना गया है। 

ऐसे में आइए जानते हैं कि इसे घर की किस दिशा में लगाना सबसे उत्तम होता है।

+++ +++

फिश पेंटिंग सही दिशा में लगाने के लाभ :

वास्तुशास्त्र के अनुसार मछलियों की पेंटिंग को सही दिशा में लगाने से जातक को घर की आर्थिक समस्याओं से निजात मिल सकती है और धीरे - धीरे धन लाभ के योग बनने लगते हैं। 

माना जाता है कि वास्तु के सभी नियमों का ख्याल रखकर अगर कोई व्यक्ति फिश की पेंटिंग लगाता है, तो इससे उसके घर में हमेशा सुख - शांति और समृद्धि बनी रहती है। 

+++ +++

इस से परिवार के सदस्यों को जीवन और करियर में तरक्की प्राप्त होती है। 

साथ ही, गुड लक हमेशा साथ रहता है और घर में सौभाग्य आता है। 

इस एक पेंटिंग को घर में लगाने से परिवार के बीच खुशनुमा माहौल बना रहता है और मानसिक शांति भी महसूस होती है।

+++ +++

इस दिशा में लगाएं फिश पेंटिंग :

माना जाता है कि मछलियों की तस्वीर को घर में सही दिशा में लगाना बहुत महत्वपूर्ण होता है। 

ऐसा न करने से घर में इसका विपरीत प्रभाव देखने को मिल सकता है। 

+++ +++

वास्तुशास्त्र के मुताबिक, फिश पेंटिंग को हमेशा घर की उत्तर - पूर्व दिशा यानी ईशान कोण में लगाना चाहिए। 

इसके अलावा, आप इसे उत्तर दिशा में भी लगा सकते हैं। 

पेंटिंग के लिए इन दिशाओं को सबसे उत्तम माना गया है। 

इस दिशा में मछलियों की तस्वीर लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मकता दूर रहती है।

+++ +++

घर में फिश पेंटिंग लगाने के वास्तु नियम :

वास्तु के अनुसार, मछलियों की तस्वीर को घर में कभी भी ऐसे स्थान पर नहीं लगाना चाहिए जहां गंदगी रहती हो। 

ऐसा करने से अशुभ फल प्राप्त हो सकता है।

फिश पेंटिंग को रसोईघर या बाथरूम या टॉयलेट की पास वाली दीवार पर लगाने की भी मनाही होती है। 

+++ +++

ऐसा करने से घर में नकारात्मकता आ सकती है।

घर में कभी भी मछलियों की ऐसी तस्वीर नहीं लगानी चाहिए, जिसमें मछलियां धुंधली दिखाई दे रही हों या तस्वीर कहीं से टूटी - फूटी हो। 

इस प्रकार की फोटो लगाना शुभ नहीं माना जाता है।

​वास्तु के अनुसार, मछलियों की तस्वीर के बैकग्राउंड पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। 

कभी भी ऐसी पेंटिंग न लगाएं जिसमें पीछे तूफान या जल में ज्यादा उथल - पुथल दिख रही हो।

+++ +++

घर में ऐसी लगाएं मछलियों की तस्वीर : 

माना जाता है कि घर में फिश की ऐसी पेंटिंग लगानी चाहिए जिसमें वे चलती हुईं नजर आ रही हों और पीछे का बैकग्राउंड भी पॉजिटिव होना चाहिए। 

वास्तु के अनुसार घर में कोइ और सुनहरी मछली की तस्वीर लगाना बहुत शुभ माना जाता है। 

+++ +++

ऐसा करने से घर में हमेशा संतुलन और प्रेम बना रहता है। 

आप चाहें तो फिश पेंटिंग को अपने घर के लिविंग रूम में लगा सकते हैं। 

ऐसा करने से जातक को पैसों की तंगी से भी छुटकारा मिल सकता है।

+++ +++

घर की इस दिशा में कभी ना रखें डस्टबिन, खुल जाता है कंगाली का रास्ता...!

वास्तु शास्त्र में डस्टबिन की दिशा को लेकर भी कई नियम बताए गए हैं। 

अगर गलत दिशा में इसे रखा जाए तो आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ सकता है। 

तो चलिए जानते हैं कि आखिर इसे रखने की सही दिशा क्या है?

वास्तु शास्त्र एक ऐसा विज्ञान है जिसकी मदद से घर का माहौल बदला जा सकता है। 

अगर वास्तु के हिसाब से घर के कमरे और बाकी चीजें सही दिशा में हो तो वहां की ऊर्जा हमेशा सही रहेगी। 

वहीं एक भी चीज इधर - उधर हुई तो नकारात्मक ऊर्जा का आना तय होता है। 

कई लोग इसे मानते हैं तो वहीं कुछ लोग इसे नजरअंदाज ही करते हैं। 

हालां कि मान्यता तो यही है कि हमारी जिंदगी में आने वाले उतार - चढ़ाव का का सीधा संबंध ना सिर्फ हमारी कुंडली में मौजूद ग्रहों से होता है बल्कि घर के वास्तु से भी होता है। 

आपको जानकर हैरानी होगी कि डस्टबिन की दिशा से भी घर का वास्तु खराब हो सकता है। 

शास्त्र के हिसाब से चलिए जानते हैं कि डस्टबिन को किस दिशा में नहीं रखना चाहिए?

इस दिशा में गलती से भी ना रखें डस्टबिन :


बता दें कि शास्त्र में हर एक चीज के लिए सही दिशा का वर्णन किया गया है। 

वहीं इस बात के बारे में भी जिक्र किया गया है कि हमारे लिए क्या चीजें सही नहीं हैं। 

इन चीजों को नजरअंदाज करना हम पर ही भारी पड़ सकता है। 

ऐसे में ये जानना जरूरी है कि आखिर डस्टबिन हमें घर की किस दिशा में भूलकर भी नहीं रखना चाहिए। 

शास्त्र में बताया गया है कि डस्टबिन रखने के लिए उत्तर - पूर्व दिशा सहीं नहीं होती है। 

दरअसल इसे ईशान कोण भी कहा जाता है। 

मान्यता के अनुसार इस दिशा को देवी - देवताओं का वास माना जाता है। 

ऐसे में यहां पर कूड़ा रखना हमारे घर की वास्तु को तहस - नहस कर सकता है। 

इसी के साथ इसका असर आर्थिक स्थिति पर भी पड़ता है। 

ऐसे में इसका विशेष रूप से ख्याल रखना चाहिए।

+++ +++

ये दिशा होती है सही :


अब बात की जाए कि आखिर डस्टबिन को किस दिशा में रखना सबसे सही होता है? 

शास्त्र के अनुसार घर की दक्षिण - पश्चिम दिशा में डस्टबिन को रखना सबसे सही माना जाता है। 

वहीं इसके लिए उत्तर - पश्चिम दिशा भी सही होती है। 

कूड़े के लिए ये दिशा सही मानी जाती है। 

इस के अलावा किसी भी दिशा में इसे रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा ही आएगी।


!!!!! शुभमस्तु !!!
🙏हर हर महादेव हर...!!
जय माँ अंबे ...!!!🙏🙏
पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर: -
श्री सरस्वति ज्योतिष कार्यालय
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:- 
-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science) 
" Opp. Shri Satvara vidhyarthi bhuvn,
" Shri Aalbai Niwas "
Shri Maha Prabhuji bethak Road,
JAM KHAMBHALIYA - 361305 (GUJRAT )
सेल नंबर: . + 91- 9427236337 / + 91- 9426633096  ( GUJARAT )
Vist us at: www.sarswatijyotish.com
Skype : astrologer85
Email: prabhurajyguru@gmail.com
Email: astrologer.voriya@gmail.com
आप इसी नंबर पर संपर्क/सन्देश करें...धन्यवाद.. 
नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश....
जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏

वास्तु शास्त्र : भूखंड -

वास्तु शास्त्र : भूखंड -    सुख - सम्पत्ति तो कुछ भूखण्ड देते हैं कुछ लाते हैं जीवन में विपत्ति : भूखंड के आकार का शुभाशुभ प्रभाव व्यक्ति के...