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Friday, November 21, 2025

दुर्भाग्य नहीं छोड़ रहा पीछा, तो रोजाना इन कामों से बदल सकती है किस्मत :

दुर्भाग्य नहीं छोड़ रहा पीछा, तो रोजाना इन कामों से बदल सकती है किस्मत :

दुर्भाग्य नहीं छोड़ रहा पीछा, तो रोजाना इन कामों से बदल सकती है किस्मत :

ज्योतिष शास्त्र और वास्तु शास्त्र में दुर्भाग्य से मुक्ति पाने के कई सरल उपाय बताए गए हैं। 

इन उपायों को रोजाना करने से आपको अपनी स्थिति में लाभ देखने को मिल सकता है। 

ऐसे में चलिए जानते हैं कि आपको रोजाना किन कार्यों को करना चाहिए।

दुर्भाग्य के कारण करना पड़ता है कई मुसीबतों का सामना।

ज्योतिष और ज्योतिष में बताए गए हैं इसके कुछ उपाय।

घर से नकारात्मक चीजों को हटाने से मिल सकता है फायदा।

वास्तु शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र में इससे संबंधित कई उपाय बताए गए हैं, जिनकी मदद से आप अपने दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदल सकते हैं। 





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कई कोशिशों के बाद भी कुछ लोगों का दुर्भाग्य उनका पीछा नहीं छोड़ता। 

ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे काम बताने जा रहे हैं, जिन्हें यदि आप रोजाना करते हैं, तो इससे आपको अपने दुर्भाग्य से काफी हद तक राहत मिल सकती है।

रोजाना जरूर करें ये काम :


रोजाना पूरे श्रद्धाभाव के साथ अपने इष्ट देव की पूजा - अर्चना करें। 

विशेषकर रोजाना खासकर मंगलवार व शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा - अर्चना जरूर करें। 

हनुमान जी को कलयुग का जागृत देव माना गया है। 

ऐसे में हनुमान जी की पूजा - अर्चना से आपके अटके हुए काम पूरे हो सकते हैं और कार्य में सफलता प्राप्ति की संभावना बढ़ जाती है। 

इस के साथ ही रोजाना गायत्री मंत्र के जप से भी आपको विशेष लाभ मिल सकता है। 

इस से घर में सकारात्मक माहौल बना रहता है।

दूर होगा दुर्भाग्य :


दुर्भाग्य से मुक्ति पाने के लिए रोजाना सूर्य देव को जल भी जरूर अर्पित करना चाहिए। 

जल अर्पित करते समय "ॐ सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करें। 

इस के साथ ही अपनी क्षमता के अनुसार, दान - पुण्य करने और अच्छे कर्म करने से देवी - देवताओं का आशीर्वाद आपके ऊपर बना रहता है, जिससे दुर्भाग्य की स्थिति दूर हो सकती है।

घर से हटाएं ये चीजें :


अपने घर से पुरानी, बेकार पड़ी या टूटी हुई वस्तुओं को हटा देना चाहिए। 

इस के साथ ही बेकार पड़े जूते और बंद घड़ी को भी घर से बाहर कर देना चाहिए, क्योंकि ये चीजें नकारात्मकता को बढ़ाती हैं, जिससे दुर्भाग्य को बढ़ावा मिलता है। 

इस के साथ ही घर में खंडित देवी - देवताओं की मूर्ति रखना भी बिल्कुल शुभ नहीं माना गया। 

आप इन्हें क्षमा - याचना करते हुए किसी साफ नदी या तालाब में प्रवाहित कर सकते हैं, जिससे आपको दोष का सामना नहीं करना पड़ता।






दक्षिण दिशा भी होती है शुभ, :


इन आसान वास्तु उपायों से घर में बनी रहेगी सुख - समृद्धि और बढ़ेगी बरकत दक्षिण दिशा भी होती है शुभ...!

वास्तुशास्त्र में खास दक्षिण दिशा का महत्व होता है। 

इस दिशा से जुड़े नियमों का ख्याल रखने से घर में बरकत होती है और सुख - समृद्धि बनी रहती है। 

लेकिन दक्षिण मुखी घर को एक बड़ा वास्तुदोष माना गया है। 

ऐसे में अगर आप दक्षिण दिशा में वास्तु के कुछ उपाय कर लें तो इससे जीवन में तरक्की प्राप्त हो सकती है और घर की समस्याएं भी दूर होने लगती हैं...!

वास्तुशास्त्र में हर दिशा का खास महत्व होता है। 

घर बनवाते समय, फर्नीचर रखते समय या कोई पेंटिंग लगाते वक्त दिशा का ख्याल रखना बहुत जरूरी माना जाता है। 

इस से घर में कभी भी वास्तुदोष नहीं लगता है। 

लेकिन अगर किसी के घर का मेन गेट दक्षिण दिशा में हो तो इसे एक बड़ा वास्तुदोष माना जाता है। 

हालांकि, वास्तुशास्त्र में दक्षिण दिशा को भी बहुत शुभ माना गया है। 

इस ओर कुछ चीजों को बनवाने, रखने और छोटे - छोटे उपाय करने से दक्षिण मुखी घर में भी सुख - समृद्धि, शांति, स्वस्थ और संपन्न जीवन व्यतीत किया जा सकता है। 

तो आइए जानते हैं कि दक्षिण दिशा में वास्तु के अनुसार कौन - कौन से कार्य और उपाय करने से घर में बरकत बढ़ सकती है।

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दक्षिण दिशा के इन नियमों का ध्यान रखने से होगा लाभ :


वास्तुशास्त्र के अनुसार, दक्षिण मुखी घर होने पर पानी की टंकी, रसोई घर, टॉयलेट, बाथरूम और पानी की टंकी सही स्थान पर सही दिशा में होने चाहिए। 

साथ ही, पूर्व और उत्तर दिशा का ज्यादा से ज्यादा खाली रखने का प्रयास करना चाहिए। 

वास्तु के इन नियमों का ध्यान रखने से घर में हमेशा सुख - समृद्धि और शांति बनी रहती है। 

परिवार के सदस्यों के बीच आपसी प्रेम देखने को मिलता है और जीवन में तरक्की के नए मार्ग खुलते हैं।

दक्षिण मुखी घर में जरूर करें ये उपाय :


इस दिशा में आप पत्थरों की दीवार खड़ी करवाने के बाद उस पर लाल फूलों की बेल रख सकते हैं। 

इस के अलावा, दीवार को लाल रंग से पेंट करना भी शुभ रहेगा। 

दक्षिण मुखी घर होने पर आप इस दिशा की भूमि के अंदर तांबे का तार बिछा सकते हैं। 

साथ ही, दक्षिण दिशा में भगवान हनुमान या कालभैरव की तस्वीर लगाई जा सकती है। 

इस से घर से नकारात्मक ऊर्जा और शक्तियां दूर होती हैं। 

इस के अलावा, तांबे पर मंगल यंत्र बनवाकर दक्षिणी दीवार या दरवाजे पर लगाया जा सकता है। 

साथ ही, इस दीवार पर कम से कम खिड़की या दरवाजे बनवाने चाहिए। 

वास्तु के ये उपाय करने से घर में बरकत होती है और तिजोरी हमेशा धन से भरी रह सकती है।

दक्षिण मुखी मकान में कर सकते हैं ये काम :


वास्तुशास्त्र के अनुसार, अगर कोई मकान दक्षिण मुखी हो तो उसमें होटल, टायर, रसायन, हार्डवेयर, ब्यूटी पार्लर, तेल आदि की दुकान की जा सकती है। 

इन चीजों के लिए दक्षिण दिशा शुभ साबित हो सकती है। 

लेकिन इसके लिए वास्तु के कुछ अन्य नियमों का ख्याल भी जरूर रखना चाहिए। 

अगर आप वास्तु उपाय के साथ यहां कोई काम शुरू कर सकते हैं, तो इससे उत्तम फल की प्राप्ति हो सकती है और वास्तुदोष भी नहीं लगता है।

घर के बुजुर्ग सदस्यों के लिए बनाएं बेडरूम :


माना जाता है कि दक्षिण दिशा में घर के बड़े - बुजुर्गों के लिए शयनकक्ष बनाना शुभ होता है। 

साथ ही, बेड का सिरहाना कमरे में दक्षिण दिशा में ही होना चाहिए। 

ऐसा करने से अच्छी नींद आती और अनिद्रा की समस्या से राहत मिल सकती है। 

साथ ही, दक्षिण दिशा में सिरहाना रखने से आसपास का माहौल भी सकारात्मकता बना रहता है और रात में सोते समय शांति महसूस होती है।

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घर की दक्षिण दिशा में क्या रखें और क्या न रखें ?


वास्तुशास्त्र में दक्षिण दिशा से जुड़े कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका ख्याल रखने से अत्यंत शुभ फल की प्राप्ति होती है। 

दक्षिण दिशा में भूलकर भी घड़ी नहीं रखना चाहिए। 

इस से घर के मुखिया की आयु पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। 

इस के अलावा, फ्रिज भी इस दिशा में नहीं रखना चाहिए क्योंकि, यह दिशा अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करती है। 

अलमारी या तिजोरी दक्षिण दिशा में रखने से धन की हानि हो सकती है। 

हालांकि, अपने घर के भीतर दक्षिण दिशा में आप भारी सामान रख सकते हैं। 

इस स्थान पर स्टोर रूम, बेड की सिरहाना, भारी वजन वाली वस्तुएं आदि रख सकते हैं। 

ऐसा करने से जीवन में सुख - समृद्धि बनी रहती है।

!!!!! शुभमस्तु !!!

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पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर: -
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Monday, November 10, 2025

वास्तुशास्त्र :

वास्तुशास्त्र :

वैदिक वास्तु शास्त्र: घर में रोजाना कपूर जलाने के 5 फायदे, चौथा वाला तो है सबके लिए जरूरी :

वास्तु शास्त्र में कपूर जलाने के कई अचूक उपाय बताए गए हैं। 

कपूर को पूजा - पाठ में काफी इस्तेमाल किया जाता है। 

साथ ही मेडिकल साइंस ने भी इससे जुड़े नुस्खों को शेयर किया है। 

नीचे विस्तार से जानें कि कपूर को अगर रोजाना घर में जलाया जाए तो इसके क्या - क्या फायदे होंगे ?
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हिंदू धर्म में पूजा - पाठ के दौरान कई चीजों का इस्तेमाल जरूरी होता है। 

इन में से एक है कपूर। 

आरती के समय कपूर जलाना शुभ माना जाता है। 

कपूर जलाने के कई फायदे हैं। 

वहीं शास्त्रों में भी इस बात का जिक्र है कि कपूर से नकारात्मक ऊर्जा जल्दी खत्म हो जाती है। 

मेडिकल साइंस की ओर से भी कपूर के कई फायदे बताए जाते हैं। 

कुल मिलाकर कपूर को रोजाना घर में जलाने से कई फायदे मिलते हैं। 

आज जानते हैं कुछ ऐसे फायदों के बारे में जो हमारे घर के वास्तु के हिसाब से भी काफी सही है।






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कपूर रोजाना जलाने के 5 फायदे :


घर में आती है सकारात्मक ऊर्जा :


पूजा - पाठ के दौरान रोजाना कपूर जलाकर आरती करने से आपका मन शांत रहेगा। 

साथ ही घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। 

इस से घर के सदस्यों की जिदंगी में ग्रोथ होती हैं साथ में और भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिलते हैं।

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खत्म होता है वास्तु दोष :


अगर आप घर में रोजाना कपूर की लौ प्रज्जवलित करना शुरू कर देंगे तो इससे घर में लगा हुआ वास्तु दोष धीरे - धीरे खत्म होने लगता है। 

वास्तु दोष के खत्म होते ही घर में सुख - शांति फिर से आने लगती है। 

साथ ही घर में सौभाग्य भी लौटकर वापस आता है। 

ऐसे में रोजाना कपूर जलाना बेहद ही जरूरी है।






बुरी नजर करता है दूर :


बुरी नजर हटाने के लिए कपूर सबसे सही चीज है। 

बस इसके साथ आप लौंग भी ले लेंगे तो इसकी ऊर्जा और भी बढ़ जाती है, जोकि बुरी नजर हटाने के लिए जरूरी है। 

आप चाहे तो रोज कपूर जलाकर अपने घर को क्लींज कर सकते हैं ताकि किसी भी तरह की बुरी ऊर्जा और नजर दूर की जा सके।

खत्म होता है ग्रहों का बुरा प्रभाव :


जिन लोगों को किसी ग्रह का दोष है वो लोग भी कपूर जलाकर अपनी मुश्किलों को काफी हद तक कम कर सकते हैं। 

ग्रहों के दोष के चलते जीवन में कई काम बनते - बनते बिगड़ जाते है। 

ऐसे में बाकी उपायों के साथ - साथ घर में रोजाना कपूर जलाने से इस मामले में शांति मिलेगी।

डिस्क्लेमर- ( इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। 

विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए वास्तुशास्त्र विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। )


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आर्थिक समृद्धि में वृद्धि :


कपूर की ऊर्जा काफी पावरफुल होती है। 

इस की महक से घर के हर एक कोने में ये ऊर्जा जाती है। 

इसे रोजाना जलाने से आर्थिक संकट दूर होता है। 

ऐसे में धन - धान्य में वृद्धि होती है।

वैदिक वास्तु शास्त्र: भगवान हनुमान की मूर्ति किस दिशा में रखनी चाहिए ? 

भूलकर भी पूजा घर में ना करें ये गलती :


वैदिक वास्तु शास्त्र अनुसार ही पूजा घर से जुड़े वास्तु नियमों का पालन करना बेहद ही जरूरी होता है। 

वहीं पूजा घर में रखी हुई भगवान हनुमान की मूर्ति से जुड़े भी कई ऐसे वास्तु टिप्स हैं, जो वास्तु दोष को दूर कर सकते हैं।

वैदिक वास्तु शास्त्र अनुसार ही घर की ऊर्जा का सीधा - सीधा संबंध वास्तु से जुड़ा होता है। 

वहीं घर के सभी सदस्यों की जिंदगी में होने वाले उतार - चढ़ाव में भी वास्तु का काफी महत्व होता है। 
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घर के हर कमरे के लिए अलग - अलग वास्तु नियम होते हैं। 

वहीं पूजा घर को लेकर भी कई ऐसे वास्तु नियम हैं, जिनका पालन करने से जिंदगी की आधी दिक्कत यूं ही खत्म हो जाती है। 

पूजा घर में चीजों को सही जगह पर रखने का प्रेशर हर कोई लेता है। 

वहीं किस दिशा में कौन सी मूर्ति रखनी है, इसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। 

बता दें कि भगवान की मूर्ति का सही दिशा में होना वास्तु के अंदर ही आता है। 

तो चलिए आज जानते हैं कि आखिर भगवान हनुमान की मूर्ति किस दिशा में रखनी चाहिए?






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भगवान हनुमान की मूर्ति किन दिशा में रखे :


वैदिक वास्तु शास्त्र के हिसाब से सबसे पहले तो पूजा घर में भगवान हनुमान की एक ही मूर्ति या तस्वीर होनी चाहिए। 

वहीं इस बात का ध्यान रखें कि भगवान हनुमान की मूर्ति कहीं से टूटी हुई ना हो। 

ऐसी मूर्ति को पूजा घर में रखने से वास्तु दोष लगता है। 

बात की जाए इस मूर्ति को रखने की सही दिशी की तो इसे दक्षिण साइड में रखना सबसे शुभ माना जाता है। 
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अगर भगवान हनुमान की मूर्ति को पूर्व या दक्षिण की ओर मुख करके रखा जाए तो इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। 

ऐसे में बाकी किसी और दिशा में इनकी मूर्ति या तस्वीर को रखने से बचना चाहिए।

बातों का भी रखें ध्यान :


वैदिक वास्तु शास्त्र अनुसार ही पूजा घर में भगवान हनुमान की मूर्ति रखते वक्त कई और चीजों का ध्यान रखना चाहिए। 

जहां पर इनकी मूर्ति हो, वहां की साफ - सफाई नियमित रूप से होना जरूरी है। 

मूर्ति की स्थापना के बाद से ही रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करें। 

साथ ही अगर आप श्री राम नाम का जाप करेंगे तो घर की ऊर्जा तेजी से बढ़ेगी और ऐसे में आपके सारे रूके हुए काम भी पूरे होने लगेंगे। 

शास्त्र के हिसाब से भगवान हनुमान के लिए रोजाना सुगंधित धूप, कपूर या फिर दीया जलाना जरूरी है।




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इन जगहों पर ना हो पूजा घर :


वैदिक वास्तु शास्त्र अनुसार पूजा घर से जुड़ी एक गलती जो बहुत लोग करते हैं। 

ये गलती है कि पूजा घर का सही स्थान पर ना होना। 

पूजा घर किसी बेडरूम में नहीं होना चाहिए। 

वहीं पूजा घर के पास कोई वॉशरूम नहीं होना चाहिए। 

ऐसे पूजा घर में गलती से भी भगवान हनुमान की मूर्ति स्थापित नहीं करनी चाहिए।

!!!!! शुभमस्तु !!!

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Wednesday, November 5, 2025

वास्तुशास्त्र :

वास्तुशास्त्र :

वास्तुशास्त्र की दृष्टि से आपके घर की बालकनी, :

वास्तुशास्त्र की दृष्टि से घर की बालकनी महत्वपूर्ण होती हैं...! 

हालांकि उसकी ओर हम ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते हैं। 

अगर बालकनी वास्तुशास्त्र के अनुसार बन पाए एवं उसका रखरखाव भी वास्तु निर्देशों के अनुरूप हो...! 

तो पूरे मकान अथवा फ्लैट को सकारात्मक ऊर्जा का लाभ दिलाने में अहम भूमिका निभाती है।







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जब पूर्व में हो बालकनी : -


वास्तुशास्त्र की दृष्टि से बालकनी पूर्व दिशा में बनी हो...!

तो यह आपके पूरे घर के लिए लाभदायक है और घर में सकारात्मक ऊर्जा के संचार के लिए इसे सर्वाधिक साफ - सुथरा रखें।

इसी दिशा से सुबह के समय सूर्य भगवान की सकारात्मक किरणें आपके घर में प्रवेश करती हैं, अतः यहां बड़ा एवं भारी सामान न रखें।

यहां तुलसी का पौधा रखें लेकिन यहां बहुत ज्यादा भारी गमले न रखें।

घर का कोई भी टूटा - फूटा सामान, रद्दी आदि यहां न रखें।

सूर्य को जल देने के लिए इस बालकनी के लगभग बीच का भाग प्रयोग करें।

जब पश्चिम में हो बालकनी : -


वास्तुशास्त्र की दृष्टि से आपके घर अथवा फ्लैट की पश्चिम दिशा में बालकनी हो...! 

तो इसे दोपहर के बाद परदे से थोड़ा - बहुत कवर कर लेना चाहिए...! 

क्योंकि वास्तु के अनुसार पश्चिम की दिशा से क्षीण या नकारात्मक ऊर्जा ही प्रवेश करती है।

यहां साइज तथा वजन में कुछ भारी गमले और पौधे का प्रयोग कर सकते हैं।





जब उत्तर दिशा में हो बालकनी : -


वास्तुशास्त्र की दृष्टि से आपके मकान अथवा फ्लैट की बालकनी उत्तर दिशा में बनी हो तो इसे भी पूर्व दिशा की बालकनी के समान साफ - सुथरा रखें।

यदि निर्माणाधीन मकान में आपकी पसंद के अनुसार, बालकनी बनाने की आपको स्वतंत्रता हो...! 

तो पूर्व, उत्तर एवं पूर्वोत्तर के ईशान कोण में बड़ी बालकनी का बनाना वास्तु सम्मत है...! 

ऐसी बालकनी भवन को विस्तृत आधार एवं सकारात्मक ऊर्जा देती है।

जब दक्षिण दिशा में हो बालकनी : -


वास्तुशास्त्र की दृष्टि से बालकनी मकान या फ्लैट की दक्षिण दिशा में बनी हो...! 

तो यहां ऊंची और लटकने वाली विभिन्न प्रकार के फूलों वाली या सजावटी बेलें लगाएं।

दक्षिण दिशा की बालकनी के एक हिस्से में आप कुछ ऐसे ही सामान रख सकते हैं...! 

जिनका इस्तेमाल आपको फिलहाल नहीं करना होता।

यदि दक्षिण दिशा की बालकनी वाला भाग मकान का फ्रंट या आगे वाला भाग बनता हो...! 

तो इस बालकनी को आकार में अपेक्षाकृत बड़े पौधों से सजाया जा सकता है।

बालकनी चाहे किसी भी दिशा में बनी हो, हमेशा साफ - सुथरी होनी चाहिए...! 

क्योंकि प्रायः वहां एक या एक से अधिक खिड़कियां और दरवाजे भी होते ही हैं और ब्रह्मांडीय ऊर्जा हमेशा घर की खिड़कियां और दरवाजों के रास्ते ही घर में प्रवेश करती है। 

अब यदि ऊर्जा के प्रवेश करने का मार्ग ही साफ - सुथरा न हो...! 

तो नकारात्मक तरंगें ही हमारे घर में आएंगी, जिससे घर में अशांति का वातावरण बन सकता है।


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वास्तुशास्त्र की दृष्टि से व्यापार में सफलता व घर की समृद्धि : -


वास्तुशास्त्र की दृष्टि से  घर, दुकान और कार्यालय में सकारात्मक ऊर्जा, समृद्धि व सफलता बनाए रखने के लिए बहुत ही सरल वास्तु नियम हैं...! 

जैसे बैठने की दिशा, दर्पण का स्थान, ऋण लेने के शुभ - अशुभ दिन इत्यादि के बारे में ध्यान रखें।

वास्तुशास्त्र की दृष्टि से  दुकानदार तथा दुकान के कर्मचारी को अधिक से अधिक प्रयास करना चाहिए....! 

कि वह पूर्व या उत्तर की तरफ मुख करके बैठें, दक्षिण या पश्चिम की ओर मुख करके बैठने से प्रायः अर्थ हानि एवं कष्ट होता है।

सोने के कमरे में आईना होना अपशकुन माना जाता है। 

बिस्तर के बिल्कुल सामने आईना नहीं रखना चाहिए। 

इस से पति पत्नी के बीच मन मुटाव होता है। 

अगर आईना बिल्कुल बिस्तर के सामने हो तो उसे हटा दें या फिर परदा लगा दें।

रविवार एवं मंगलवार को, संक्रांति के दिन, वृद्धि योग में, हस्त नक्षत्र में बैंक आदि से कर्ज नहीं लेना चाहिए। 

इन मुहूर्तों में ऋण ( कर्ज ) लेने वाला व्यक्ति सदैव ऋणी रहता है।

मंगलवार को कभी भी ऋण ( कर्जा ) नहीं लेना चाहिए। 

यदि आप जल्दी से जल्दी कर्ज के बोझ से छुटकारा चाहते हैं तो कोशिश करें कि कर्ज का पैसा मंगलवार को ही लौटाएं।

वैसे तो कर्ज कभी नहीं लेना चाहिए लेकिन अगर मजबूरी वश लेना ही पड़े तो कोशिश करें कि कर्ज बुधवार को ही लें।

घर के दरवाजे के हत्थे पर तीन चीनी सिक्कों को, लाल रंग के रिबन या धागे से बांध कर दरवाजे के ऊपर की ओर लगाना चाहिए। 

इस से घर में लक्ष्मी आती है। इसे अपने बटुए में और गल्ले में भी रख सकते हैं।

घर के कमरे में एक के बाद एक, एक ही पंक्ति में, तीन दरवाजे नहीं होने चाहिए। 

इस से शुभ ( सकारात्मक, पॉजिटिव ) ऊर्जा जल्दी से निकल जाती है और अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

प्रतिदिन घर, दुकान एवं प्रतिष्ठान की सफाई करते वक्त पानी में थोड़ा नमक मिलाकर पोंछा लगाना चाहिए। 

यह नमक मिला पानी ‘‘नकारात्मक’’, ‘‘अशुभ’’ ऊर्जा को बाहर निकालने में सहायक होता है। 

इस सरल प्रयोग से घर, दुकान अथवा प्रतिष्ठान के नकारात्मक प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

दफ्तर में दरवाजे की ओर पीठ करके नहीं बैठना चाहिए। 

इस से विश्वासघात की संभावना रहती है। 

दफ्तर में हमेशा इस तरह बैठना चाहिए कि दरवाजा आंखों के सामने हो, जिससे दफ्तर में आने वाले लोगों को अच्छी तरह देख सकें।

यदि आपका व्यापार मंद चल रहा है तो दक्षिण दिशा की चार दीवारी के मुंडेर पर ईटों की चिनाई कराकर उसे ऊँचा करा दें...! 

दक्षिण की दीवार ऊंची करने पर आप स्वयं अपने व्यवसाय में तेजी अनुभव करेंगे।

!!!!! शुभमस्तु !!!

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Saturday, November 1, 2025

वास्तु के इन नियमों को जरूर जान लें ?

वास्तु के इन नियमों को जरूर जान लें ?

वास्तु के इन नियमों को जरूर जान लें, बाद में नहीं पड़ेगा पछताना तो नए घर में शिफ्ट होना है ?

वास्तुशास्त्र में नए घर को लेकर ऐसे कई महत्वपूर्ण नियमों का वर्णन किया गया है, जिनका ख्याल रखने से जातक के जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है। 

ऐसे में आइए विस्तार से जानें कि नए घर में शिफ्ट होते समय वास्तु के किन नियमों का ध्यान रखना चाहिए। अपना घर लेना हर किसी का सपना होता है, जो वे पूरा कर भी लेते हैं। 






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ऐसे में अपने मकान को सपनों का घर बनाने के लिए हम कई प्रकार की वस्तुएं और सजावट उसमें करते हैं। 

वहीं, अगर आप वास्तुशास्त्र के नियमों का ख्याल रखकर नया घर खरीदते, बनवाते और उसमें शिफ्ट होते हैं तो इससे आपको जीवनभर के वास्तु दोष से छुटकारा मिल सकता है। 

साथ ही, घर में कभी समस्याएं भी नहीं आती हैं।

वास्तुशास्त्र में नया घर बनवाने, खरीदने या उसमें शिफ्ट होने के कई महत्वपूर्ण नियम बताए गए हैं। 

जिनका हर व्यक्ति को ख्याल रखना चाहिए। 

वास्तु के अनुसार घर लेने और उसमें शिफ्ट होने से जातक को वास्तु दोष का सामना नहीं करना पड़ता है और घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है। 

वहीं, घर के अंदर वास्तु के मुताबिक कुछ चीजें बिल्कुल भी सही न हों, तो इससे जातक को एक बाद एक समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

घर का मेन गेट हो इस दिशा में :

मकान का निर्माण करवाते समय या बना हुआ घर लेते वक्त इस बात का ख्याल जरूर रखें कि उसका मुख्य द्वार उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में हो। 

साथ ही, घर गेट के सामने किसी अन्य व्यक्ति की सीढ़ी या गेट न बना हो। 

इसके अलावा, मुख्य द्वार पर पर्याप्त मात्रा में रोशनी भी जरूर आनी चाहिए। 

इस प्रकार घर का गेट होने से वहां सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

इस दिशा में हो रसोई घर :

कभी भी घर का निर्माण करते वक्त या नए मकान में शिफ्ट होने से पहले यह जरूर देख लें कि रसोईघर किस दिशा में है। 

गलत स्थान पर किचन होने से अशुभ फल प्राप्त हो सकता है। 

वास्तु के अनुसार, किचन हमेशा आग्नेय कोण यानी दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए। 

इससे परिवार के सदस्यों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

बेडरूम से जुड़े वास्तु नियम :

वास्तुशास्त्र के अनुसार, कमरा अगर दक्षिण-पश्चिम दिशा में हो तो इसे सबसे उत्तम माना जाता है। इससे रूम में शांति का माहौल बना रहता है और घर में समृद्धि आती है। 

साथ ही, घर में शिफ्ट होते समय कभी भी शीशे के अपने बेड के ठीक सामने न लगाएं। 

ऐसा करने से वहां नकारात्मकता फैल सकती है। 

घर लेते समय मास्टर बेडरूम की दिशा का ख्याल भी जरूर रखना चाहिए।

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लिविंग रूम में ऐसे रखें फर्नीचर और रंग :

वास्तुशास्त्र के अनुसार, लिविंग रूम में सही स्थान पर सामान रखना बेहद जरूरी होता है। 

मान्यता है कि हमेशा दक्षिण या पश्चिम दिशा में फर्नीचर को रखना चाहिए। 

साथ ही, लिविंग रूम और फर्नीचर के लिए हल्के व शांत रंगों का प्रयोग करना सबसे शुभ माना जाता है। 

उत्तर-पूर्व भाग में हल्के सामान और उसे खुला रखना उत्तम माना जाता है। 

इस से घर का माहौल सकारात्मक बना रहता है।

इस दिशा में हो बाथरूम और टॉयलेट :

वास्तुशास्त्र की मानें तो बाथरूम और टॉयलेट को हमेशा उत्तर-पश्चिम दिशा में बनवाना चाहिए। 

इसे उत्तर-पूर्व दिशा में बनवाना सही नहीं माना गया है। 

साथ ही, टॉयलेट-बाथरूम को हवादार होना चाहिए और उनके दरवाजे हमेशा बंद रखने चाहिए। 

घर में शिफ्ट या नया मकान लेने से पहले इस बात पर जरूर गौर करें की उसमें बाथरूम व टॉयलेट किस दिशा में बना हुआ है।

सीढ़ियों के लिए सही दिशा :

वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर में सीढ़ियां हमेशा पूर्व से पश्चिम या उत्तर से दक्षिण के ओर उठी होनी चाहिए।  

कई लोग सीढ़ियों के नीचे पानी का नल, बाथरूम, टॉयलेट, जूते-चप्पलों का स्थान बना लेते हैं। 

लेकिन कभी भी इन्हें उत्तर पूर्व दिशा में नहीं बनवाना चाहिए। 

लेकिन ऐसा करना बहुत गलत माना गया है। 

वास्तु के अनुसार, सीढ़ियों के नीचे का स्थान खाली रखना उत्तम माना गया है।

घर के मंदिर में इन बातों का रखें ख्याल :

वास्तु के अनुसार, घर में मंदिर हमेशा उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में होना चाहिए। 

साथ ही, इसके अंदर हल्के और शांत रंग करवाने चाहिए। 

ऐसा करना बहुत शुभ माना जाता है।  

मनुष्य के घर का सबसे पवित्र स्थान पूजाघर को माना गया है। 

ऐसे में मंदिर सही दिशा में होना सबसे महत्वपूर्ण होता है। 

लेकिन इस बात का ख्याल रखें की मंदिर को कभी भी बाथरूम या किचन के पास नहीं रखना चाहिए।

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खुशियों से भर जाएगा दांपत्य जीवन....!

खुशियों से भर जाएगा दांपत्य जीवन, बढ़ेगी रिश्ते की नजदीकियां चौथ से पहले पति - पत्नी बेडरूम में करें ये 5 बदलाव.....!

वास्तुशास्त्र के अनुसार बेडरूम में पति-पत्नी अगर वास्तुशास्त्र के कुछ नियमों का ख्याल रखें और इससे जुड़े उपाय कर लें, तो दोनों के बीच का प्रेम गहरा होने लगता है। 

साथ ही, दांपत्य जीवन खुशहाल बना रहता है। 

बेडरूम एक ऐसी जगह है जहां पति-पत्नी एक-दूसरे के साथ अपने दिल की बातें शेयर करते हैं और पूरे दिन काम करने के बाद एक साथ कुछ समय बिताते हैं। 

लेकिन अगर कमरे में कुछ चीजें वास्तु के अनुसार सही न हो तो इससे रिश्ते में समस्याएं आना संभव है। 

ऐसे में अगर आप चौथ से पहले अपने बेडरूम में वास्तु के ये छोटे-छोटे उपाय व नियम अपना लें, तो इससे रिश्ता मधुर बना रहता है और वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्याएं भी कम हो सकती हैं।

वास्तुशास्त्र के अनुसार बेडरूम में कुछ खास नियमों का ध्यान रखने से पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है और दांपत्य जीवन खुशहाल बना रह सकता है। 

चौथ से पहले इन छोटे-छोटे वास्तु उपायों को अपनाने से रिश्तों में मधुरता आ सकती है और वैवाहिक जीवन की समस्याएं कम होने लगती हैं। 

ये वास्तु उपाय और टिप्स आपके रिश्ते को और भी मजबूत बना सकते हैं।






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कमरे में बेड को रखें सही जगह पर :

अगर जीवनसाथी के साथ लंबे समय से किसी बात को लेकर तनाव चल रहा है या रिश्ते में दूरियां आ रही हैं, तो आप वास्तु के अनुसार अपने रूम में छोटे-छोटे बदलाव करके देख सकते हैं। 

कहा जाता है कि पति-पत्नी को कमरे में अपना बेड बीच में रखने की बजाए उसे रूम के दीवार से लगाकर रखना चाहिए। 

ऐसा करने से रिश्ता मजबूत होता है और दोनों के बीच का जुड़ाव भी बढ़ता है।

पति-पत्नी बेडरूम में लगाएं ऐसी तस्वीर :

वास्तु के अनुसार, बेडरूम में सकारात्मक और प्रेम भरी तस्वीरें लगाना बहुत अच्छा होता है। 

ऐसे में आप अपने कमरे में श्रीकृष्ण जी और राधा रानी की ऐसी तस्वीर लगा सकते हैं जिसमें वो एक दूसरे को प्रेम भाव में देख रहे हों। 

इस प्रकार की पेंटिंग या तस्वीर घर में लगाने से जीवनसाथी के साथ रिश्ता मजबूत बना रहता है और दोनों के बीच चल रहा तनाव भी समाप्त हो सकता है।

बेडरूम में करें वास्तु का यह उपाय :

इस के लिए एक छोटी कटोरी में थोड़ा समुद्री नमक डाल लें और इसे लेजाकर अपने बेड के नीचे रख दें। 

हालांकि, इस बात का ख्याल रखें कि इस नमक को हफ्ते में एक बार जरूर बदलते रहें। 

अपने बेडरूम में वास्तु से जुड़ा यह उपाय करने से कमरे नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है। 

साथ ही, नमक के इस उपाय से रिश्ते में आ रही दूरियां भी खत्म हो सकती हैं।

रिश्ते में मिठास लाने के लिए करें यह काम :

वास्तु के अनुसार, पति-पत्नी को अपने कमरे में मैंडरिन डक की तस्वीर या मूर्ति लगानी चाहिए। 

ऐसा करने से दोनों के रिश्ते में मिठास बनी रहती है और वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्याओं से भी राहत मिल सकती है। 

ऐसे में चौथ के मौके पर आप अपने रूम में मैंडरिन डक की पेंटिंग लाकर लगा सकते हैं। 

इससे पति-पत्नी के रिश्ते में मिठास आती है। 

साथ ही, इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए की कमरे में पर्याप्त मात्रा में धूप की रोशनी आती हो। 

इससे आसपास का माहौल सकारात्मक और खुशनुमा बना रहता है।

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पति-पत्नी बेडरूम में न रखें ये सामान :

अगर आप अपने कमरे में लैपटॉप, टेब आदि इलेक्ट्रॉनिक उपकरण रखते हैं तो इन्हें वहां से हटा दें। 

वास्तु के अनुसार, ऐसी चीजें कमरे में रखने से तनाव बढ़ता है और नींद पर भी प्रभाव पड़ सकता है। 

ऐसे में इन चीजों को हमेशा दूसरे कमरे में रखना चाहिए। 

साथ ही, कमरे में धातु का बेड इस्तेमाल करने की बजाए लकड़ी का बेड ही प्रयोग करना बेहतर माना गया है।

!!!!! शुभमस्तु !!!

🙏हर हर महादेव हर...!!
जय माँ अंबे ...!!!🙏🙏

पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर: -
श्री सरस्वति ज्योतिष कार्यालय
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:- 
-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science) 
" Opp. Shri Satvara vidhyarthi bhuvn,
" Shri Aalbai Niwas "
Shri Maha Prabhuji bethak Road,
JAM KHAMBHALIYA - 361305 (GUJRAT )
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नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश....
जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏

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