सभी ज्योतिष मित्रों को मेरा निवेदन हे आप मेरा दिया हुवा लेखो की कोपी ना करे में किसी के लेखो की कोपी नहीं करता, किसी ने किसी का लेखो की कोपी किया हो तो वाही विद्या आगे बठाने की नही हे कोपी करने से आप को ज्ञ्नान नही मिल्त्ता भाई और आगे भी नही बढ़ता , आप आपके महेनत से तयार होने से बहुत आगे बठा जाता हे धन्यवाद ........
जय द्वारकाधीश
।। श्री सामवेद में वास्तु शास्त्र के अनुसार धर में आईना कहा रखना चाहिए और पूजाधर मतलब पूजा रूम कैसा और किस तरह से अच्छा फल देता है ।।
हमारा हिन्दू सनातन धर्म के ही चार वेंदो पुराण अठार के अंदर मानव जीवन के जीने के लिए कुछ न कुछ एक से बठकर एक खजाना म भंडार ही भरा पड़ा है ।
पहले हम आईना के बारे में वास्तु विज्ञान से हर किसी के जीवन में विशेष महत्व रखता हैं ।
वही वास्तु में दर्पण यानी शीशा काफी खास माना गया हैं ।
अगर इस सही दिशा में रखा जाए तो यह सकारात्मकता लेकर आता हैं ।
मगर गलत दिशा में रखा जाए तो सकारात्मकता को नकारात्मकता में बदल देता हैं ।
घर में कलह क्लेश, बीमारी और धन की बर्बादी भी लेकर आता हैं ।
अगर आप वास्तु में विश्वास रखते हैं ।
तो दर्पण के आकार, साइज और दिशा का खास ध्यान रखना जरूरी हैं ।
तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं ।
वास्तु अनुसार दर्पण से जुड़े नियम, तो आइए जानते हैं।
हमने हमारा पुरखो के मुँह से भी सुना है कि जो के ऐसा माना जाता है कि कांच जब टूटता है ।
तो वह घर में मौजूद नकारात्मकता को बढ़ाता हैं।
जो अगर घर में ही रह जाए तो साल साल तक दुर्भाग्य बना रहता हैं ।
इस लिए कांच टूटे तो उसे घर पर नहीं रखना चाहिए।
दरार पड़ा कांच या आईना भी घर पर नहीं रखना चाहिए ।
क्योंकि इससे घर के सदस्यों के बीच लड़ाई होती हैं ।
रोमन सभ्यता में भी कांच टूटना अशुभ माना जाता हैं ।
आईने की सही दिशा :
उत्तर दिशा , पूर्व दिशा अथवा पूर्व उत्तर दिशा है ।
और बाथरुम में भी इसी दिशा में ही आईना रखें।
आपका वॉश बेसिन पर लगा शीशा भी इसी दिशा में होना चाहिए।
घर के मुख्य द्वार पर आईना लगाने से बचना चाहिए।
ऐसा करने से नकारात्मकता का घर में प्रवेश होता हैं।
कभी शीशे एक दूसरे के सामने ना लगाएं और ना ही सीढ़ियों के पास लगाएं।
आइ्रने का आकार भी बहुत माइने रखता हैं ।
गोल शीशा घर में ना रखें।
वर्गाकार और आयताकार शीशे को घर में लगाना शुभ माना जाता हैं।
नुकीले या तेजधार वाले आईने का भी प्रयोग घर में नहीं करना चाहिए।
ऐसा करने से कर्ज बढ़ जाता हैं।
पूजन धर :
हर किसी न किसी के धर पर पूजाघर बनवाते ही है ।
लेकिन उसी समय पर तो भूलकर भी नहीं करे ये बड़ी गलतिया जो जीवन की नींव को सही के बदले उल्टा सस्ता पर जाने को मजबूर बन जाना पड़े।
आज के समय मे हर व्यक्ति अपने घर में एक छोटा मंदिर अवश्य बनता ही है ।
लेकिन घर में पूजाघर बनाते समय कुछ खास बातो का जरूर ध्यान रखना चाहिए।
उसमे अगर आप इस स्थान को लेकर थोडासा किसी न किसी कारण कोई लापरवाही बरतते है ।
तो आपको कई बड़े नुकसान भी हो सकते है ।
तो चलिए जानते है ।
वो कौनसी सी है खास बाते।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मंदिर में कभी भी गहरे रंगो का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए ।
हमेशा पूजा घर में पीला, हरा, यह हल्का गुलाबी रंग करवाना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार संगमरमर का मंदिर बनाना बेहद शुभ होता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार कभी भी पूजा घर में पूर्वजो की तस्वीरें नहीं रखनी चाहिए।
!!!!! शुभमस्तु !!!
🙏हर हर महादेव हर...!!
जय माँ अंबे ...!!!🙏🙏
पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर:-
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:-
-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science)
" Opp. Shri Satvara vidhyarthi bhuvn,
" Shri Aalbai Niwas "
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नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश....
जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏